बिना दूध उत्पादन किए वर्षों तक डेयरी चेयरमैन बनी रहीं गीता पटेल

जांच के लिए पहुंचे अधिकारियों को ना तो पशु मिले ना ही बाड़ा
उदयपुर। उदयपुर दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के चेयरमैन पद से हटाई गई गीता पटैल बिना दूध उत्पादन के ही वर्षों तक चेयरमैन बनी रहीं। उनके यहां जांच के लिए गए अधिकारी को ना तो पशु मिले और ना ही बाड़ा। ऐसे में अब गीता पटेल की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
वित्तीय अनियमितताओं के चलते पहले से ही चेयरमैन पद से हटाई गई गीता पटेल के खिलाफ एक और नया मामला सामने आने से उनकी मुश्किल कम होती नहीं दिखाई दे रही। गीता पटेल के कच्छेर गांव स्थित घर जांच के लिए पहुंचे प्रशासक हीरालाल मीणा और सहायक जांच अधिकारी वीरेंद्र कुमार पहुंचे थे। जहां उनके घर पर ताला जड़ा था, वहीं बिजली कनेक्शन तक कटा पाया गया। वहां ना तो पशु रखे जाने के लिए कोई बाड़ा मिला और ना ही पशु। उसके बावजूद वह लंबे समय तक दुग्ध उत्पादक समिति की चेयरमैन जैसे पद पर काबिज रही। उल्लेखनीय है कि 25 अक्टूबर 2022 को राज्य सरकार ने 16 साल से डेयरी संघ चेयरमैन पद संभाल रही गीता पटेल सहित 42 तत्कालीन पदाधिकारियों को हटाकर उदयपुर कलेक्टर को डेयरी संघ का प्रशासक लगा दिया था।
सचिव के कार्यलय पर नोटिस चस्पा
जांच के दौरान सचिव देवीलाल के गैर मौजूद होने पर उनके कार्यालय पर कारण बताओ नोटिस चसपा किया गया। जिसमें सचिव को प्रशासक द्वारा लिखा गया कि आप कर्तव्यों के प्रति गंभीर नहीं हैं। क्यों न आपकी सेवाएं समाप्त करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा जाए। प्रशासन ने सचिव को नोटिस के जबाव के साथ तत्काल उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
पटेल का लगातार हो रहा था विरोध
दूध उत्पादन का बोनस नहीं मिलने पर कच्छेर प्राथमिक दूध उत्पादक सहकारी समिति की अध्यक्ष रहीं गीता पटेल के खिलाफ सदस्य लगातार विरोध कर रहे थे। इसको लेकर उन्होंने समिति कार्यालय के बाहर धरना भी दिया। इससे पहले 4 सदस्यों के इस्तीफे से कोरम के अभाव में गीता पटेल को अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया था। सदस्यों का आरोप था कि पटेल ने अध्यक्ष रहते समिति के कार्यों में मनमानी की। दुध उत्पादन का बोनस कई बार मांगे जाने पर भी नहीं दिया गया।

By Udaipurviews

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