पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार, जेल भेजा
उदयपुर। जिले की सायरा थाना पुलिस ने पाली जिले की सीमा पर देसूरी की नाल में 36 वर्षीय एक युवक की हत्या का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। बुधवार को तीनों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
पुलिस ने बताया कि पिछले महीने देसूरी की नाल क्षेत्र में घाणेराव का गुडा गांव के नाथू लाल भील (36) का शव मिला। जांच में पता चला कि गला घोंटकर उसकी हत्या की गई। ब्लाइंड मर्डर पुलिस के मिस्ट्री बना हुआ था। पुलिस अपने मुखबिर तंत्र के साथ साइबर टीम की मदद से इस मर्डर का खुलासा कर पाई। जिसमें पता चला कि दोस्तों ने पहले नाथूलाल को शराब पिलाई, फिर नाले में बहते पानी में नहाने के लिए उतर गए और नशे में धुत होने पर गला घोंट कर उसे मार दिया।
छोटा भाई आरोपियों को बहन को ले गया था भगाकर, बड़े की कर दी हत्या
पुलिस ने खुलासा किया हत्या के आरोपियों से पता चला कि मृतक नाथूलाल का छोटा भाई उनकी बहन को भगाकर ले गया था। वह उसका बदला लेना चाहते थे। बदले की आग बुझाने के लिए बड़े भाई को मौत के घाट उतार दिया। इस पूरी योजना में लड़की के भाइयों ने मृतक के एक दोस्त का साथ लिया जिससे घटना को अंजाम देने में आसानी रही।
यह मामला है
उदयपुर एसपी भुवन भूषण यादव ने बताया कि सायरा थाना क्षेत्र के रणकपुर घाटे में हाथी पुल के समीप नाले में 22 अगस्त को हुए ब्लाइंड मर्डर मामले का गोगुंदा पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामले को लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय अंजना सुखवाल व वृताधिकारी गिर्वा रजत बिश्नोई के निर्देशन में विशेष टीम का गठन किया गया। गोगुंदा थानाधिकारी शैतान सिंह नाथावत ने बताया कि नाथू लाल भील की हत्या के आरोपी देसूरी थाना क्षेत्र के घाणेराव की गुड़ा भोप सिंह कॉलोनी निवासी चंपाराम पुत्र देवाराम गरासिया (27), चतराराम पुत्र देवाराम गरासिया (24) व बदाराम पुत्र सोमाराम को गिरफ्तार किया है।
नाथूलाल मेले में गया और वापस लौटा नहीं
पाली जिले के देसूरी थाना क्षेत्र के गुड़ा भोपसिंह निवासी राजूराम ने देसूरी थाने में रिपोर्ट दी कि 22 अगस्त को उसका बड़ा भाई नाथू लाल भील (36) परशुराम मेले में गया था। 23 अगस्त को उसका मोबाइल बंद हो गया और उसका कुछ पता नहीं है। इस बीच 29 अगस्त को रणकपुर घाटे में हाथी पुल के समीप नाले में उसका शव मिला था। इसके बाद मृतक के भाई की रिपोर्ट पर उदयपुर जिले के सायरा थाने में आईपीसी की 302 व 201 के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। उदयपुर एसपी ने इस मामले की जांच गोगुंदा थानाधिकारी शैतान सिंह को सौंपी। मृतक नाथू लाल मजदूरी का काम करता था।
यह था विवाद, जिसने ले ली नाथू की जान
पुलिस के अनुसार करीब 3 महीने पहले नाथूलाल का छोटा भाई कैलाश गांव की ही लीला को भगा ले गया था। लीला के परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई। जिस पर पुलिस ने दोनों को दस्तयाब किया और सामाजिक स्तर पर दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था। इस बीच कुछ दिनों बाद कैलाश और लीला पुनः भाग गए, जो अभी तक फरार हैं। तब से ही लीला के भाई चंपाराम व चतराराम ने कैलाश के परिवार से बदला लेने की ठान ली।
ऐसे बनाई मर्डर की योजना
थानाधिकारी नाथावत ने बताया कैलाश व लीला गरासिया फरार है तो चंपाराम ने कैलाश के बड़े भाई नाथू लाल की हत्या की योजना बनाई। 22 सितम्बर को नाथू लाल कुंभलगढ़ मेले में जाने के लिए बाइक पर निकला तो चंपाराम व चतराराम भी उसके पीछे निकले। वे अपने साथ गांव के ही बदाराम को भी लेकर गए। असल में बदाराम की नाथूलाल से दोस्ती थी। चंपाराम के साथ में मेले में बदाराम ने नाथूलाल को शराब पिलाई।
शराब पिलाने के बाद दोस्तों ने घोंट दिया था युवक का गला
