उदयपुर, 12 जुलाई(ब्यूरो)। विख्यात जगदीश मंदिर में छोटे कपड़े पहनकर प्रवेश पर नहीं करने की अपील के लगाए बैनर को हटाने को लेकर पहले से ही देवस्थान विभाग धर्म प्रेमियों के निशाने पर है। बुधवार को एक बार फिर मांझी के मंदिर पर जाने वाले श्रद्धालुओं ने विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। विभाग पर मंदिर के अहाते में लगाए भगवा झंडे हटाने का आरोप है।
दरअसल हर मंगलवार को पिछोला झील किनारे स्थित मांझी के मंदिर पर श्रद्धालु हनुमान चालीसा करने जाते हैं। गत मंगलवार को भी श्रद्धालुओं ने वहां सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया था। इस दौरान मंदिर के अहाते में भगवा झंडे लगाए थे। बुधवार सुबह जब श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे तो सभी भगवा झंडे गायब थे। श्रद्धालुओं का कहना है कि देवस्थान विभाग ने ही यह झंडे हटावाए हैं। हालांकि विभाग के सहायक आयुक्त जतिन गांधी इस बात से इंकार कर चुके हैं कि विभाग के निर्देश पर झंडे हटाए गए हैं। उनका कहना है कि मांझी का मंदिर पर विभाग का कर्मचारी नहीं रहता। जबकि उसे विभाग ने ठेके पर दे रखा है। संभव है कि ठेकेदार या उसके आदमी ने यह काम किया हो। इधर, धर्मप्रेमियों ने देवस्थान विभाग को चेतावनी दी है कि तीन दिन के अंदर मंदिर के अहाते में पहले की तरह भगवा झंडे नहीं लगाए तो बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। इधर, क्षेत्रवासियों का भी कहना है कि देवस्थान विभाग को मंदिर में पूजा—पाठ और रखरखाव के लिए बनाया गया है। उसकी जिम्मेदारी सनातन मंदिरों की रक्षा करना है। जबकि इसके विपरीत जगदीश मंदिर में अमर्यादित कपड़ों में आने वालों पर रोक लगाए जाने वाले पोस्टर हटाने का काम विभाग कर रहा है। विभाग ही खुद सनातन धर्म और संस्कृति का भक्षक बन रहा है।
देवस्थान विभाग फिर निशाने पर, अब मांझी मंदिर से भगवा झंडे हटवाने का आरोप
