
सबसे बड़ा धर्म लोक कल्याण
उदयपुर, 8 जून। व्यक्ति को उस काम से संकोच करना चाहिए जिससे दूसरों का अहित हो। परमार्थ का काम तो हमेशा आगे बढ़कर करना चाहिए। उसी व्यक्ति को जीवन में सफलता मिलती है, जो भय और पाप का निडरता के साथ सामना करता है। यह बात नारायण सेवा संस्थान में दिव्यांगजन के लिए आयोजित ' अपनों से अपनी बात' कार्यक्रम में संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कही। उन्होंने कहा कि औरों के लिए जीना ही सबसे बड़ा धर्म है। प्रभु को वही व्यक्ति प्रिय होता है जो लोक कल्याण में दत्त चित्त रहता है। धर्म और अधर्म के बीच जगत में…