आदिवासी संस्कृति और विकास को नष्ट कर रहे बीएपी की लूटेरी गैंग और इनका सरगना रोत

पत्रकार वार्ता में सांसद मन्नालाल रावत ने लगाए आरोप
-आदिवासी क्षेत्र में चर्च का एजेंडा चला रहे, मेवाड वागड को बांग्लादेश बनाने के बयान दे रहे बीएपी नेता
-बीएपी नेताओं का चरित्र आदिवासी समाज के सामने आ रहा है
उदयपुर। सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने कहा कि बीएपी आदिवासी संस्कृति और विकास को नष्ट करने में लगी हुई है। बीएपी एक लूटेरी गैंग है और इनका सरगना राजकुमार रोत है जो हाल में एसीबी द्वारा रंगे हाथों पकडे गए इनकी पार्टी के विधायक को भी बचाने में लगे हैं। बीएपी के नेता आदिवासी क्षेत्र में नकारात्मक राजनीति, व्यक्तिवादी सोच के साथ झूठ, फरेब, चर्च का एजेंडा और आदिवासी क्षेत्र को बांग्लादेश बनाने जैसे बयान देने वाले हैं।
सांसद डॉ रावत ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में यह बात कही। पत्रकार वार्ता में विधायक फूलसिंह मीणा व भाजपा शहर जिलाध्यक्ष गजपाल सिंह भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार आदिवासियों सहित भारत के सभी जन के हितों के लिए लगातार काम कर रही है और इसीलिए भाजपा का विजय रथ आगे बढ रहा है। जनजाति क्षेत्र के विकास के लिए कई सारी योजनाएं केंद्र सरकार और राज्य सरकार ला रही है जिससे आदिवासी समाज व क्षेत्र की उन्नति की राह पर बढ रहा है। जनजाति को सम्मान देने के लिए मोदी सरकार ने जनजाति गौरव दिवस घोषित किया और धरती आबा जैसी योजनाओं से जनजाति विकास का काम किया। जनजाति कार्य मंत्रालय और जनजाति आयोग जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी भाजपा सरकार ने किए। इसके विपरीत मेवाड के आदिवासी क्षेत्र में बीएपी युवा विरोधी, महिला विरोधी, संस्कृति विरोधी, भील विरोधी व विकास विरोधी एजेंडा चला रही है जो ठीक नहीं है। ये नेता मेवाड वागड को बांग्लादेश बनाने की बात करते हैं। आदिवासियों के अधिकारों को लेकर आदिवासी समाज जागरुक है। आदिवासी समाज को अपने नायकों और अपनी संस्कृति पर गर्व है, लेकिन बीएपी के नेता आदिवासी हिन्दू नहीं है की बात कहकर आदिवासी समाज को अलगाव हेतु भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। सांसद डॉ रावत ने कहा कि आदिवासी समाज प्रारंभ से ही भगवान श्री राम को मानने वाला रहा है, आदिवासी महिलाएं आज भी मंगलसूत्र पहनती है और सिन्दूर लगाती है, लेकिन बीएपी के नेता इस संस्कृति को समाप्त करने पर तुले हुए हैं। इसका आदिवासी समाज खुद जवाब दे रहा है। भाजपा की नीतियों और विकास को आदिवासी समाज सकारात्मक रुप से ले रहा है। अभी हाल के पंचायत उप चुनाव में आसपुर के  बनकोडा में बीएपी को केवल 12 वोट मिले। मोटागांव जो आजादी के बाद कभी भाजपा नहीं जीती वहां भी भाजपा को विजय हांसिल हुई है। ये संकेत है कि आदिवासी जनता बीएपी से कितनी परेशान है। बीएएपी आदिवासी क्षेत्र में एक लूटेरी गैंग की तरह काम कर रही है और इनके नेता राजकुमार रोत सरगना की तरह काम कर रहे हैं। इनकी वसूली से कोई नहीं बच पा रहा। एक युवक जो जिसकी पढाई के लिए मां-बाप ने मजदूरी कर रुपए एकत्र किए उसको इस लूटेरी गैंग के लोगों ने लूट लिया। ऐसे कई मामले उनके पास आए हैं और इनको लेकर पुलिस व प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई भी की जा रही है।
सांसद रावत ने कहा कि बीएपी का एक विधायक रंगे हाथों रिश्वत लेते पकडा गया, लेकिन उसको बचाने के लिए इन्हीं की पार्टी के छुटभैया नेताओं की एक असंवैधानिक कमेटी बना दी और आदिवासी समाज को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं।
सांसद रावत ने कहा कि बीएपी के नेता राजकुमार रोत और अन्य ने ST के हक के अखिल भारतीय डिलिस्टिंग आंदोलन का भी विरोध व आलोचना कर रहे हैं। इसका मतलब साफ है कि वे केवल चर्च का एजेंडा चला रहे हैं। जो लोग आदिवासी धर्म छोडकर ईसाई बन चुके हैं उन्हें आदिवासी समाज के कानूनी लाभ नहीं लेने चाहिए, लेकिन आज भी वे अल्पसंख्यक के साथ इसका दोहरा लाभ ले रहे हैं।
सांसद रावत ने कहा कि आदिवासी समाज को समझना पडेगा कि बीएपी क्या है। अंग्रेजों की गुलामी की मानसिकता की मार्केटिंग करने के लिए बीएपी बनी है। अंग्रेजों ने मानगढ पर हमला किया था। ये लोग भी मानगढ जाकर आते हैं और लौटकर महिलाओं को मंगलसूत्र नहीं पहनने और बिन्दी नहीं लगाने की बात कर, हिन्दू समाज पर आक्रमण बोल रहे है। इस तरह बीएपी आदिवासी क्षेत्र में ईसायत फैलाने का सुविचारित एजेंडा बना  लिया है इस हानिकारक अवैध कार्य पर सभी को विचार करना होगा। बीएपी के नेता युवाओं को विद्यालयों से निकालकर पत्थरबाज बना रहे हैं। वागड में कानून व्यवस्था को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं। देवताओं का अपमान कर रहे हैं। जहां भी मूर्ति पूजा होती है उसको रोकते हैं और मजाक उडाते हैं। झारखंड से आई एक महिला नेत्री वागड क्षेत्र में चर्च के एजेंडे का विस्तार कर रही है। बीएपी पूरी तरह तरह ईसायत का एजेंडा है।
मेवाड का केजरीवाल है राजकुमार रोत: सांसद डॉ रावत ने आरोप लगाया कि बीएपी नेता राजकुमार रोत मेवाड का केजरीवाल है। जिस तरह केजरीवाल ने जनता के पैसों से शीश महल बनवाया था वैसे ही काम रोत भी कर रहे हैं।
पत्रकार वार्ता में विधायक फूलसिंह मीणा ने कहा कि यूएडी द्वारा किए जा रहे विस्तार में कई गांव आ रहे हैं जहां आदिवासी निवास करते हैं। विस्तार से उनकी संस्कृति व विकास को लेकर नुकसान की बात सामने आने पर उन्होंने स्वयं भाजपा प्रतिनिधिमंडल व ग्रामीणों के साथ मंत्रियों व अधिकारियों से मुलाकात की और इस मुद्दे का समाधान निकालने का प्रयास किया। इस मामले में समाधान का रुख सामने पर बीएपी नेता सक्रिय हो गए और इस मुद्दे का लाभ लेने के लिए शुक्रवार को उदयपुर आकर प्रदर्शन किया। जबकि इस मामले में पिछले कई समय से वे निष्क्रिय थे और आदिवासी हितों को लेकर उनका रवैया नकारात्मक ही था। विधायक ने कहा कि बीएपी के नेता केवल आदिवासियों को लूटने और भ्रमित करने आए हैं। इनका एजेंडा कुछ और है जो सबके सामने आएगा।
शहर जिलाध्यक्ष गजपालसिंह ने कहा कि बीएपी के विधायक को रिश्वत लेते पकडा गया है। सारी कार्रवाई के सबूत मौजूद है, इसके बावजूद रिश्वतखोर विधायक को बचाने में लगे हैं। भाजपा आदिवासी हितों के लिए हमेशा सक्रिय रही है और आने वाले समय में भी केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार और राजस्थान में भजनलाल सरकार आदिवासी विकास के लिए काम करती रहेगी।

By Udaipurviews

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