उदयपुर, 12 फरवरी। जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि झाडोल-फलासिया क्षेत्र उदयपुर जिले का सुदूरवर्ती एवं जनजाति बहुल क्षेत्र हैं। यहां कई तरह की चुनौतियां भी हैं, लेकिन अधिकारी उन चुनौतियों और अभावों को काम करने के अवसरों की अधिकता मान कर पूर्ण मनोयोग से कार्य करें। राज्य सरकार जनजाति क्षेत्र में हर संभव सुविधाओं के विस्तार के लिए कटिबद्ध है। प्रशासन स्तर पर भी समस्याओं के समाधान के लिए पूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं।
जिला कलक्टर श्री मेहता बुधवार को उदयपुर जिले के सुदूरवर्ती आदिवासी बहुल झाड़ोल और फलासिया में ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। जिला कलक्टर ने कहा कि अधिकारियों को सबसे पहले स्वयं इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा कि यह पिछड़ा क्षे़त्र है। सकारात्मक ऊर्जा के साथ काम करते हुए केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाएं, ताकि वे भी मुख्य धारा में आ सकें। जिला कलक्टर ने क्षेत्र में चिकित्सा सुविधा, पेयजल, बिजली, शिक्षा आदि बुनियादी सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली। प्रत्येक विभागीय अधिकारी से योजनाओं एवं विकास कार्यों, मुख्यमंत्री बजट घोषणाओं की प्रगति का फीडबैक लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने उपखंड अधिकारी कपिल कोठारी को हर सप्ताह विभागीय समीक्षा बैठक लेने, फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा, संपर्क पोर्टल पर लंबित प्रकरणों को समय पर निस्तारित कराने, क्षेत्र के राजकीय विभागों, छात्रावासों, अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों आदि का समय-समय पर निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने पीएम आवास सर्वे, फॉर्मर रजिस्ट्री अभियान, फसलों की गिरदावरी आदि की भी समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में फलासिया तहसीलदार रमेशचंद्र वढेरा, झाड़ोल नायब तहसीलदार सुरेश सामर, झाड़ोल विकास अधिकारी जितेंद्रसिंह राजावत, सहायक वन संरक्षक घनश्याम कुमावत, पुलिस उपाधीक्षक नेत्रपालसिंह सहित सभी ब्लॉक स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।
हैंडपंप का सर्वे कराएं
झाड़ोल बैठक में जिला कलक्टर ने क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति की स्थिति की जानकारी ली। पीएचईडी के सहायक अभियंता ने अवगत कराया कि कुछ गांवों में मानसी वाकल परियोजना से जलापूर्ति हो रही है। शेष गांव हैंडपंपों पर आधारित हैं। हाल ही जलजीवन मिशन में लगभग सभी गांव कवर किए जा रहे हैं, कार्य प्रगति पर है। इस पर जिला कलक्टर ने 24 घंटे में क्षेत्र के सभी हैंडपंप का सर्वे कराने तथा बंद पड़े हैंडपंप को अगले 72 घंटो में दुरूस्त कराकर रिपोर्ट देने के लिए पाबंद किया।
ताकि बंद न हो किसी पात्र की पेंशन
जिला कलक्टर ने पेंशन एवं पालनहार सत्यापन कार्य की प्रगति रिपोर्ट की भी समीक्षा की। इसमें पेंशन सत्यापन में 20 प्रतिशत से अधिक पेण्डेंसी पाए जाने पर उपखंड अधिकारी व विकास अधिकारी को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्र है। लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है। साधन सुविधाएं भी कम है। सिर्फ सत्यापन नहीं होने से किसी पात्र व्यक्ति की पेंशन बंद हो जाए यह ठीक नहीं है। अधिकारी स्वयं मोनिटरिंग करते हुए पेंशन सत्यापन पूर्ण कराएं।