प्रकाश पर्व शक्तिनगर स्थित वैकुण्ठ धाम में तीन दिवसीय भव्य धार्मिक आयोजन का समापन

उदयपुर। श्री गुरुनानक देव जी महाराज के प्रकाश पर्व के पावन अवसर पर शक्तिनगर स्थित वैकुण्ठ धाम में तीन दिवसीय भव्य धार्मिक आयोजन का समापन श्रद्धा और भक्ति के साथ हुआ। यह आयोजन 3 नवंबर से प्रारंभ हुआ जिसका बुधवार  को समापन हुआ ,जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब, जपजी साहिब और गुरुबाणी के विभिन्न पवित्र पाठों का पाठ किया गया।
                 वैकुण्ठ धाम के गुरुजी शैलेश ब्रिजवानी ने बताया कि प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित इस महोत्सव के तीसरे और अंतिम दिन, 5 नवंबर को सुबह 7:00 बजे ‘आसादीवार पाठ’ और 7:45 बजे ‘कथा कार्तिक’ का आयोजन हुआ। इसके पश्चात, 11:30 बजे पूर्ण आहुति के साथ आरती और अरदास संपन्न हुई, लंगर प्रसाद के साथ कार्यक्रम समापन हुआ लंगर प्रसाद मे सेकडों सख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद लिया, इस अवसर पर परंपराओं के अनुसार सभी श्रद्धालुओं ने गुरुबाणी के मधुर उपदेशों को आत्मसात किया।
लंगर में समर्पण और सेवा का भाव
समापन के बाद श्रद्धालुओं के लिए दिव्य लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें सभी ने प्रसाद ग्रहण कर सेवा और समानता के संदेश को अपनाया। इस लंगर ने गुरु नानक देव जी के “सर्व सेवा, सर्व समानता” के संदेश को जीवंत किया, जहां जाति, धर्म, और सामाजिक भेदभाव से ऊपर उठकर हर व्यक्ति ने समर्पण भाव से भाग लिया।
गुरु नानक देव जी के संदेशों की महिमा गुरु नानक देव जी का जीवन और उनके उपदेश हमें प्रेम, करुणा, सत्य, और मानवता की शिक्षा देते हैं। उन्होंने “नाम जपो, कीरत करो, और वंड छको” का संदेश दिया, जो आत्मा की शुद्धि, परिश्रम और सेवा की भावना को दर्शाता है। इस आयोजन में हर गतिविधि गुरु जी के इन संदेशों का प्रतीक बनी।
श्रद्धालुओं में भक्ति और शांति का अनुभव इस धार्मिक आयोजन ने श्रद्धालुओं के मन को गहराई से प्रभावित किया। भक्तों ने गुरुबाणी के उपदेशों का अमृतपान कर आत्मिक शांति और शुद्धि का अनुभव किया। बड़ी संख्या में स्थानीय और बाहरी श्रद्धालुओं ने इस महोत्सव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
By Udaipurviews

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