एजीटीएफ का राजस्थान में आतंक पर सर्जिकल स्ट्राइक
गैंगस्टर सलमान खान ने उगले गहरे राज; पिता की आपराधिक विरासत थामे था, हथियार सप्लायर राकेश भी गिरफ्तार
जयपुर 02 जून। राजस्थान में संगठित अपराध और अवैध हथियारों की कमर तोड़ने के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने प्रतापगढ़ पुलिस के साथ मिलकर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस संयुक्त अभियान में 14 अवैध विदेशी और देशी हथियार, 1860 कारतूस और 10 मैगजीन का एक विशाल जखीरा बरामद किया गया है। पुलिस ने इस मामले में दो प्रमुख अपराधियों कुख्यात गैंगस्टर सलमान खान और उसके हथियार सप्लायर राकेश कुमार को गिरफ्तार किया है, जिससे राज्य में अवैध हथियारों के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है।
ऑपरेशन की रणनीति
एजीटीएफ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री दिनेश एम.एन. के निर्देशों और उप महानिरीक्षक पुलिस श्री योगेश यादव के कुशल मार्गदर्शन में इस विशेष अभियान को अंजाम दिया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धांत शर्मा के सुपरविजन एवं पुलिस निरीक्षक सुभाष सिंह के नेतृत्व में एएसआई शंकर दयाल शर्मा, हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार, कमल सिंह, कांस्टेबल नरेश कुमार, रतिराम एवं कांस्टेबल चालक सुरेश कुमार की एक टीम को आसूचना संकलन के लिए बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और चित्तौड़गढ़ की ओर रवाना किया गया था। गुप्त सूचनाओं और गहन आसूचना संकलन के बाद यह कार्रवाई की गई।
रणनीति के तहत पहली गिरफ्तारी: हथियार सप्लायर राकेश पकड़ा गया
एडीजी श्री एमएन ने बताया कि 28 जून को छोटी सादड़ी थाना पुलिस ने झालावाड़ निवासी राकेश कुमार पुत्र कचरू राम (48) को छोटी सादड़ी-नीमच रोड से एक पिस्टल सहित गिरफ्तार किया था। राकेश, अवैध हथियार सप्लाई चेन का एक महत्वपूर्ण मोहरा था और उसकी गिरफ्तारी इस ऑपरेशन की पहली कड़ी साबित हुई। इस हथियार सप्लायर से एजीटीएफ टीम लगातार पूछताछ कर रही थी।
गैंगस्टर सलमान खान: अपराध मिला विरासत में राकेश से हुई पूछताछ ने पुलिस को अपराध की दुनिया के एक और बड़े नाम सलमान पुत्र शेरखान (38), निवासी नागदा, उज्जैन तक पहुंचाया। सलमान जो पहले से ही बांसवाड़ा जेल में फिरौती के एक मामले में बंद था को एजीटीएफ ने प्रोटेक्शन वारंट पर लिया। उससे की गई कड़ी पूछताछ ने कई चौंकाने वाले राज खोले।
सलमान ने बताया कि उसके पिता शेरखान पठान भी पुलिसकर्मी थे, लेकिन हत्या सहित अन्य आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे और अंततः पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे। पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए सलमान ने कम उम्र में ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था। स्कूल छोड़ने के बाद वह लड़ाई-झगड़ों में शामिल हो गया और अपनी 90 बीघा पैतृक जमीन होने के बावजूद प्रॉपर्टी डीलिंग के नाम पर विवादित जमीनों पर कब्जा करने लगा, जहाँ उसके “खौफ” का राज चलता था।
दुबई का सफर और हथियारों का राज
अपने खिलाफ लगातार बढ़ते मुकदमों से बचने के लिए सलमान ने निवास बदलकर फर्जी पासपोर्ट बनवाया और दुबई भाग गया था। पुलिस को सबसे महत्वपूर्ण जानकारी यह मिली कि दुबई जाने से पहले उसने अपने सभी अवैध हथियार दोस्त मोहम्मद नवाज निवासी रतलाम के पास 30 लाख रुपये की सिक्योरिटी के तौर पर गिरवी रख दिए थे। उसका इरादा था कि जेल से छूटने के बाद वह इन्हें वापस ले लेगा।
बरामद हथियारों का जखीरा:
सलमान की निशानदेही पर पुलिस ने छोटी सादड़ी इलाके से भारी मात्रा में अवैध विदेशी और देशी हथियार व कारतूस बरामद किए हैं। इनमें शामिल हैं:
* 12 बोर पंप एक्शन गन: 1
* 22 बोर राइफल: 1
* 22 बोर रिवॉल्वर: 3
* 32 बोर ऑटोमेटिक माउजर: 1
* 32 बोर पिस्तौल: 8
* खाली मैगजीन: 10
* मैगजीन फिलर: 2
* विभिन्न बोर के कारतूस: 32 बोर (324), 32 ब्लैंक (112), 7.62 एमएम (166), 7.65 एमएम (909), 9 एमएम (88), 30-06 एमएम (20), 12 बोर पंप एक्शन गन के कारतूस (125), 12 बोर गन के कारतूस (20), .22 के कारतूस (96)।
सलमान पर पहले से ही मारपीट, धमकी, आर्म्स एक्ट, चोरी, हत्या के प्रयास, रंगदारी और एनडीपीएस एक्ट सहित दर्जनों गंभीर मुकदमे दर्ज हैं।
ऑपरेशन में शामिल टीम
इस सफल अभियान को अंजाम देने वाली एजीटीएफ राजस्थान जयपुर टीम में पुलिस निरीक्षक सुभाष सिंह, एएसआई शंकर दयाल शर्मा, हैड कांस्टेबल सुरेश कुमार, कमल सिंह, कांस्टेबल नरेश कुमार, रतिराम और सुरेश कुमार (चालक), वहीं पुलिस थाना छोटी सादड़ी की टीम में थानाधिकारी प्रवीण टांक, एसआई निर्भय सिंह, एएसआई शिवराम गुर्जर, अर्जुन सिंह, भंवर सिंह, हैड कांस्टेबल सुरेश, महेश, रघुवीरसिंह, कांस्टेबल रामराज और तेजपाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह कार्रवाई राजस्थान में अवैध हथियार तस्करी के खिलाफ पुलिस की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है और आपराधिक नेटवर्क पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है ताकि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों को भी कानून के दायरे में लाया जा सके।