संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 135वीं जयंती पर किया नमन
उदयपुर 14 अप्रेल / संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 135वीं जयंती पर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के श्रमजीवी महाविद्यालय प्रांगण में आयेाजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने डॉ. अम्बेडकर चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि राष्ट्र हित, राष्ट्र प्रेम एवं सर्वजन हिताय केे लिए समर्पित विचारधारा का नाम है डॉ. भीमराव अम्बेडकर। शिक्षा के बिना उत्कर्ष नहीं, अतः राष्ट्र के प्रत्येक समुदाय को शिक्षा से जोडना तथा उनके भीतर राष्ट्रीयता व राष्ट्रवाद के बीज को रोपित करने के प्रयास द्वारा ही उत्कृष्ट भारत का निर्माण संभव है। अम्बेडकर महज एक वर्ग विशेष तक सीमित व्यक्तित्व नहीं अपितु सम्पूर्ण राष्ट्र के वो महान पुरूषत्व है जिन्होने संघर्षो के उपरान्त भी अपने समुदाय को भारतीयता से जुडे विचारों द्वारा ही राष्ट्र उन्नति और स्वउन्नति के मार्ग को प्रशस्त करने का मंत्र दिया। अंबेडकर का सम्पूर्ण जीवन भारतीय विचारधारा से प्रेरित और पोषित रहा है। उन्होने कहा कि वर्तमान समय में अम्बेडकर के विचार और भी अधिक प्रासंगिक बन गए है। भारतीयता के दायरे में बुनियादी शिक्षा द्वारा उत्पन्न क्रांति से बनने वाला आर्थिक सुदृढ समाज ही वर्ग वर्ण से उपर उठ पाएगा। यही सामाजिक प्रगति देश में समरसता और समानता का आधार भी निर्मित करेगी।
इस अवसर पर एमपीयूटी के पूर्व कुलपति प्रो. उमाशंकर शर्मा, साहित्यकार लक्ष्मण सिंह कर्णावट, जयकिशन चौबे, प्रो. मिश्री लाल मांडोत, प्रो. विमल शर्मा, इन्द्रसिंह राणावत, कवि श्रेणीदास चारण, डॉ. मनीष श्रीमाली, हरीश तलरेजा, अविनाश खटीक, सपना वर्मा, मनोहर मंुदडा, हाजी सरदार मोहम्मद, कमानडेंट सीएस राठौड, डॉ. सवाईसिंह जैतावत, चन्द्रप्रकाश चितौड़ा, गोविंद ओड़, राजकुमार चौधरी, निजी सचिव कृष्णकांत कुमावत , सहित कार्यकर्ता एवं शहर के प्रबुद्धजनों ने अम्बेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हे नमन किया।
राष्ट्र हित, राष्ट्र प्रेम एवं सर्वजन हिताय केे लिए समर्पित विचारधारा का नाम है, डॉ. भीमराव अम्बेडकर – प्रो. सारंगदेवोत
