डूंगरपुर, 11 अप्रैल. बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र के बरोठी गांव के ग्रामीण बिछीवाड़ा पुलिस की कार्यशैली से नाराज़ होकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गांव की विवाहिता माया की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, लेकिन पुलिस ने 24 घंटे तक एफआईआर दर्ज नहीं की। माया के पिता जीवा वरहात ने बताया कि उनकी बेटी डेढ़ साल पहले मजदूरी के दौरान गुजरात में राहुल ननोमा से प्रेम विवाह कर छापी गांव में रहने लगी थी। शादी के बाद एक बेटी भी हुई, लेकिन समय के साथ राहुल का व्यवहार बदल गया और वह माया के साथ आए दिन मारपीट करने लगा। 9 अप्रैल को माया ने अपने भाई को फोन कर बताया कि उसके साथ फिर मारपीट हुई है और वह बहुत डर गई है। इसके बाद फोन कट गया। अगले दिन 10 अप्रैल को ससुराल वालों ने सूचना दी कि माया ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिवार का कहना है कि जब वे छापी गांव पहुंचे तो माया का शव फांसी पर लटका हुआ था, लेकिन उसके पैर जमीन से सटे हुए थे और शरीर पर चोट के निशान भी दिखाई दे रहे थे। इससे परिवारजन ने माया की हत्या कर आत्महत्या का रूप देने की आशंका जताई। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने मौके पर बिछीवाड़ा पुलिस को बुलाया, लेकिन पुलिस ने हत्या या किसी अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज नहीं की। इससे नाराज़ होकर गांव के लोगों ने कलेक्ट्री पहुंचकर ज्ञापन सौंपा और निष्पक्ष जांच की मांग की। ग्रामीणों ने बिछीवाड़ा पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक उचित कार्रवाई नहीं की जाती, वे न्याय के लिए संघर्ष करते रहेंगे।
विवाहिता की संदिग्ध मौत पर हत्या का शक, एफआईआर दर्ज न होने से नाराज़ ग्रामीण पहुंचे कलेक्ट्रेट
