घोष वादन और वेद मंत्रों के साथ दी अंतिम विदाई
उदयपुर 8 अप्रेल! आज प्रातःकाल आलोक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, फतेहपुरा के पूर्व प्राचार्य, जनप्रिय शिक्षक और राजस्थान के शिक्षा जगत की एक जीवंत प्रेरणा नारायणलाल शर्मा का देहावसान हो गया। उनके निधन की सूचना मिलते ही सम्पूर्ण आलोक गुरुकुल परिवार शोकाकुल हो उठा।
प्राचार्य नारायणलाल शर्मा जी ने न केवल विद्यार्थियों को पढ़ाया, अपितु उनके जीवन को भी गढ़ा। वे संभवतः राजस्थान के ऐसे विरले शिक्षक थे, जिन्हें अपने जीवनकाल के सभी विद्यार्थियों के नाम के साथ उनके पिताओं के नाम भी कंठस्थ थे। उन्होंने शिक्षा को केवल एक पेशा नहीं, बल्कि एक तपस्या के रूप में जिया।
आलोक गुरुकुल परिवार के प्रमुख डॉ. प्रदीप कुमावत ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि, “शर्मा जी एक ऐसे शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन को पूर्णतः विद्यार्थियों के लिए समर्पित कर दिया। उनके व्यक्तित्व की ऊष्मा और अनुशासन आज भी अनेक शिक्षार्थियों के जीवन का पथदर्शक है।”
आज आलोक फतेहपुरा, आलोक हिरण मगरी सेक्टर 11 स्थित परिसरों में घोष वादन द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। विशेष बात यह रही कि शर्मा जी स्वयं भी एक कुशल घोष वादक थे, अतः घोष वादन के माध्यम से उन्हें आत्मीय विदाई देना उनके प्रति सम्मान का प्रतीक बना।
उनके निवास स्थान, विश्राम घाट और श्मशान घाट तक घोष वादन, वेद मंत्रों एवं गुरुमंत्र के सामूहिक गायन के साथ अंतिम संस्कार किया गया। यह दृश्य शिक्षाश्रद्धा और गुरु-शिष्य परंपरा की जीवंत मिसाल था।
इस अवसर पर निश्चय कुमावत, शशांक टांक, प्रतीक कुमावत, कृष्णकांत कुमावत (पूर्व छात्र परिषद) सहित अनेक पूर्व छात्र, अभिभावक और समाजसेवी उपस्थित रहे। सभी ने इसे समाज और शिक्षा जगत की अपूरणीय क्षति बताया।

 
     
                                 
                                 
                                