शिक्षा, श्रमिक एवं रोजगार विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न
एजुकेशन एट वर्क प्लेस से ही निकलेगा बेरोजगारी का हल – विरजेश उपाध्याय
विद्यापीठ – सौ गांवों को गोद ले, बेरोजगारों को करेगी स्कील …..
उदयपुर 01 नवम्बर/ जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय एवं दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड क्षेत्रीय निदेशालय के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘ शिक्षा, श्रमिक एवं रोजगार ’’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य वक्ता मुख्य वक्ता राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष विरजेश उपाध्याय ने कहा कि हमारा औद्योगिक जगत आज जिस व्यवसाय कार्यकुशलता और कौशल युक्त श्रमिकों की कमी से जूझ रहा है उसका मुख्य कारण हमारी शिक्षण प्रणाली और उसके व्यवस्था का दोष है जिस से हमारी नौजवान पीढी पूरी तरह त्रस्त है इससे हमारा व्यवसायिक जगत और समाज भी अछूता नहीं है इसका मूल भी हमारी शिक्षण व्यवस्था के भीतर ही निहित है यदि हमें इन सभी समस्याओं के समाधान को प्राप्त करना है तो हमें हमारी शिक्षण व्यवस्थाओं का बारीकी व निष्पक्षता के साथ मूल्यांकन करना होगा तथा इसके मंथन से प्राप्त निष्कर्षों को सकारात्मकता के साथ वास्तविक धरातल पर लागू भी करना होगा।
उन्होने कहा कि शैक्षणिक व्यवस्था गत परिवर्तनों के माध्यम से ही औद्योगिक आवश्यकताओं तथा रोजगार संबंधी परिदृश्य को बदला जा सकता है इसकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी वर्तमान के शिक्षकों पर है उन्होंने कहा कि शिक्षा पद्धतियों को प्रणालियों को व्यवसाय पर तथा व्यवसायिक रूप में इस प्रकरण लागू किया जाए कि एजुकेशन अट वर्कप्लेस के मॉडल को मूर्त रूप दिया जा सके जिससे कौशल युक्त श्रमिकों की आवश्यकता की पूर्ति के साथ-साथ कौशल व पुनर कौशल की अवधारणा दी पूर्णरूपेण स्थापित की जा सके इससें ना केवल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी वरन साथ ही साथ हमारी इन समस्याओं का भी निराकरण संभव हो पाएगा
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि विद्यापीठ प्रारंभ से ही सामाजिक सरोकारों के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व श्रमिक प्रबंधन की विचारधारा का पोषक रहा है साथ ही साथ सामुदायिक कार्यों के माध्यम से कौशल विकसित कर कौशल युक्त कार्य बल तैयार करने को प्रतिबद्ध है। उन्होने कहा कि विद्यापीठ ग्रामीण क्षेत्रों में बने 10 जनभारती सामुदायिक केन्द्रों के माध्यम से सौ गांवों को गोद लेगा और वहॉ के युवा व शिक्षा से वंचित वर्ग को स्कील से जोड़ेगा। उन्होने कहा कि संस्थान द्वारा 50 लाख रूपये की लागत से थी्रडी प्रिंटर क्रय किये है। सभी गांवों में थ्रीडी प्रिंटर लगाये जाये जिसमें माध्यम से उन्हे अपने मोबाईल, लेपटॉप व कम्प्यूटर के माध्यम से खिलोने, मुर्तिया व अन्य सजावटी सामग्री बनानी सिखाई जायेगी जिससे वे आत्म निर्भर बने सके और अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर सके। उन्होने कहा कि जब तक गांवों को हायर एज्युकेशन व स्कील से नहीं जोडेगे तब तक देश विकास नहीं कर सकता। नयी शिक्षा नीति में भी शिक्षा के साथ स्कील पर जोर दिया गया है जिसके परिणाम 2035 तक देखने को मिलेगे।
संचालन डॉ.़ अवनीश नागर ने किया।
संगोष्ठी में पुनित गोतम, डॉ. कौशल नागदा, प्रो. जीवन सिंह खरकवाल, प्रो. गजेन्द्र माथुर, डॉ. सुनिता मुर्डिया, डॉ. रचना राठौड, डॉ. अवनीश नागर, डॉ. हीना खान, डा. नीरू राठौड, प्रो. आईजी माथुर, डॉ. लाला राम जाट, डॉ. राजन सूद, डॉ. अपर्णा श्रीवास्तव, डॉ. बबीता रसीद, डॉ. कुल शेखर व्यास, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. मधु मुर्डिया, डॉ. इंदू आचार्य, डॉ. हरीश चौबीसा, डॉ. शिल्पा कंठालिया, डॉ. उदयभान सिंह, निजी सचिव केके कुमावत, डॉ. महेश आमेटा सहित डीन, डायरेक्टर उपस्थित थे।
क्षेत्रीय सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न
दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड की क्षेत्रीय सलाहकार समिति की बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष विरजेश उपाध्याय की अध्यक्षता में जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में असंगठित श्रमिकों को किस प्रकार शिक्षा एवं देश की मुख्यधारा से जोड़ा जाये पर विस्तृत चर्चा की गई। उपाध्याय ने कहा कि देश में 112 करोड श्रमिक आज भी शिक्षा व स्कील से वंचित है। श्रमिकों को अपने कार्य स्थल पर ही शिक्षा की व्यवस्था हो इस पर केन्द्र सरकार ने कई तरह की योजनाए बनाई है। आज हर व्यक्ति के पास स्मार्ट फोन है लेकिन वे इसका सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाते। इसके लिए समितियों व सामाजिक संगठनों के माध्यम से अपने कार्य स्थल पर ही टेªनिंग की व्यवस्था की जाये जिससे वे ऑन लाईन शिक्षा ग्रहण कर अपने आप को स्कील कर सके। उन्होने कहा कि स्कील के अभाव में आज कई श्रमिक आगे नहीं बढ पा रहे है , इसके लिए ई लर्निंग स्कील प्रोग्राम से स्कील सीख कर अपने आप को अपडेट रख सकते है। ये कम्पनियॉ सर्टिफिकेट भी देती है जो उनके स्कील का प्रमाण होगा।
क्षेत्रीय सलाहकार समिति के अध्यक्ष एवं कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि विद्यापीठ आजादी के 10 पूर्व ही श्रमजिवियों व वंचित वर्ग को शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य से ही 1937 मे श्रमजीवी महाविद्यालय की स्थापना की। इसका उद्देश्य दिन में काम करने वाले व्यक्ति को शिक्षा से जोडने का उद्देश्य रहा है।
बैठक को क्षेत्रीय निदेशक पुनित गोतम, जोईंट लेबर कमिश्नर संकेत मोदी, मंजू माली, यूसीसीआई के कर्नल कृष्णकांत शक्तावत, सौरभ गुप्ता, टेªड यूनियन के गोविन्द लाल ओड, विजेता विस्ट, कॉमरेड गोपी किशन ने भी अपने विचार व्यक्त किए।