दस हजार की रिश्वत मांगने वाले जमादार की जमानत खारिज

उदयपुर, 9 अक्टूबर : कोर्ट ने दस हजार की रिश्वत मांगने वाले जमादार की जमानत खारिज कर दी। मामले की जानकारी देते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक राजेश पारीक ने बताया कि लोकेश गुर्जर (39) पुत्र नारायणलाल गुर्जर निवासी टेकरी उदयपुर ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी कि वह एक सफाई कर्मचारी है चित्तौड़गढ़ के नगर परिषद् कार्यालय में आरोपी जयराज के अधीनस्थ कार्य कर रहा है। जयराज उसकी हाजिरी भरने और बकाया वेतन दिलाने के लिए उससे 10 हजार रिश्वत मांग रहा है। परिवादी की शिकायत पर चित्तौड़गढ़ की एसीबी टीम ने आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बुधवार को आरोपी जयराज (41) पुत्र अम्बालाल कण्डारा निवासी चन्देरिया चित्तौड़गढ़ तत्कालीन जमादार सेक्टर ऑफिस चन्देरिया कार्यालय नगर परिषद् चित्तौड़गढ़ ने कोर्ट में जमानत अर्जी प्रस्तुत की। जिसे भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, न्यायालय सं.-1 के विशिष्ट न्यायाधीश मनीष अग्रवाल ने खारिज कर दिया।

सरपंच, पटवारी एवं पंचों से मिलीभगत कर पट्टा लेने वाली महिला की जमानत रद्द
सरपंच एवं पटवारी के साथ मिलीभगत कर अपने पक्ष में पट्टा जारी करवाने वाली महिला की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी। विशिष्ट लोक अभियोजक राकेश मित्तल ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2006 से 9 के दौरान आरोपी महिला नका बाई पत्नी भेरा गायरी निवासी कालारोई सीसारमा ने तत्कालीन सरपंच, पटवारी एवं पंचों के साथ मिलीभगत कर अपने पक्ष में पट्टा जारी करवा लिया। महिला के विरुद्ध 12 जून 2015 को कोर्ट में पत्रावली पेश की गई थी। लेकिन महिला के व​कील ने तर्क दिया कि वह लंबी बीमारी के चलते निरंतर नौ वर्षों तक कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सकी। साथ ही महिला की लकवाग्रस्त स्थिति का हवाला देते हुए कोर्ट में जमानत अर्जी लगाई। लेकिन कोर्ट ने ​महिला को अन्य आरोपियों के साथ मिलकर राज्य सरकार को 2 करोड़ की आर्थिक हानि पहुंचाने का दोषी माना, इसलिए भ्रष्टाचार निवारण अधीनियम न्यायालय संख्या—2 की विशिष्ट न्यायाधीश संदीप कौर ने महिला की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

By Udaipurviews

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