एडीजे शर्मा ने केन्द्रीय कारागृह व महिला जेल का निरीक्षण

उदयपुर, 30 अगस्त/ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उदयपुर के अध्यक्ष श्री ज्ञान प्रकाश गुप्ता के निर्देशन में एडीजे कुलदीप शर्मा व एडीजे नंबर 5 भारत भूषण पाठक ने केन्द्रीय कारागृह का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान एडीजे शर्मा ने कारागृह में बंदियों को दी जा रही निःशुल्क विधिक सहायता, चिकित्सा, भोजन, नाश्ते, मुलाकात, एसटीडी आदि की जानकारी ली। वहीं महिला जेल का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

जिला एवं राज्य स्तरीय 14वर्ष आयुवर्ग की खेलकूद प्रतियोगिताएं आगामी आदेश तक स्थगित
उदयपुर 30 अगस्त/ विभिन्न जिलों में आयोजकों द्वारा खेल मैदानो में जलभराव होने की स्थिति व मौसम विभाग द्वारा जारी भारी बारिश की चेतावनी के चलते निदेशक प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर सीताराम जाट द्वारा शुक्रवार को आदेश जारी कर 68वीं जिला एवं राज्य स्तरीय 14 वर्ष आयु वर्ग छात्र-छात्रा की खेलकूद प्रतियोगिताएं आगामी आदेश तक स्थगित कर दिए है। इस संदर्भ में जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय प्रारंभिक शिक्षा उदयपुर ननिहाल सिंह चौहान ने भी शुक्रवार को 14 वर्षीय छात्र-छात्रा की जिला स्तरीय समस्त प्रतियोगिताएं अग्रिम आदेश तक स्थगित करने के आदेश जारी कर दिए है। चौहान ने आदेश में समस्त जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं के आयोजको एवं राज्य स्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिता के संयोजक को प्रतियोगिताओं के सफल संचालन के लिए प्रतिनियुक्त समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शुक्रवार को ही अपने मूल पदस्थापन स्थान हेतु कार्य मुक्त करने के निर्देश दिए। वहीं प्रतिनियुक्ति पर लगे सभी अधिकारी कार्मिक व शारीरिक शिक्षकों को शनिवार को अपने मूल पदस्थापन विद्यालय में ज्वाइन करने के निर्देश दिए है।

पशुओं मे बांझपन पशुपालकों के लिए गंभीर समस्या“
उदयपुर, 30 अगस्त/ पशुओं मे बांझपन पशुपालकों के लिए एक गंभीर समस्या है। बांझपन पशुपालकों के लिए आर्थिक रूप से नुकसानदेह हैं एवं बोझ है। यह बात पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान के उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने संस्थान में आयोजित कार्यशाला में कही। डॉ. छंगाणी ने कहा कि वर्तमान में 10 से 15 प्रतिशत तक पशुओं मे बांझपन की समस्या हैं। बांझपन का एक प्रमुख कारण पशुओं को उपलब्ध कराये जाने वाले चारे में पौष्टिकता की कमी है। अतः पशुपालकों को चारे को वैज्ञानिक विधियों से उपचारित करके खिलाना चाहिए। संस्थान की डॉ. पदमा मील ने चारे को उपचारित करने की विभिन्न विधियों की जानकारी दी, वहीं डॉ. सुरेश शर्मा ने पशुओं मे बांझपन होने के विभिन्न कारणों को विस्तृत से बताया। डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने कहा कि पशुधन सहायक अपने अपने क्षेत्रों में बांझ पशुओं का सर्वे करें एवं उनके बांझपन के कारणों के अनुरूप उपचार कर पुनः उत्पादन के साथ जोड़े।
By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!