मुआवजे व नौकरी की मांग पर अड़े परिजन
उदयपुर, 27 जुलाई (ब्यूरो): जिले के अदवास गांव में टीचर की तलवार से गर्दन काटकर हत्या करने के मामले में 36 घंटे से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी नहीं हुए। इधर हत्या के आरोपी की मौत के बाद भी शिक्षक शंकरलाल के परिजन और ग्रामीण अपनी मांगो को लेकर एमबी हॉस्पिटल के शवगृह के सामने डटे हैं। शिक्षक के परिवार को न्याय दिलाने के लिए समाज के लोग की है कि जब तक मुआवजा और मृतक के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी नहीं मिलती, तब तक शव का पोस्टमार्टम नहीं होने देंगे। सुरक्षा की दृष्टि के मद्देनजर तैनात पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद भी शनिवार को समाज के लोगा बड़ी संख्या में अस्पताल में जुटे। इस मामले में शुक्रवार को चली समझाइश का कोई परिणाम नहीं निकला। इधर इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए जयपुर से उदयपुर पहुंचे गीगराज ने बताया कि प्रदेश में भाजपा सरकार में दलितों की हालत बहुत खराब है, इस बात को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
गौरतलब है कि गुरुवार रात को टीचर शंकरलाल मेघवाल (40) की उसके दोस्त फतह सिंह (30) ने गला काटकर हत्या कर दी थी। इस दौरान बेटे को बचाने आए पिता डालचंद मेघवाल (60) पर भी हमलावर ने ताबड़तोड़ वार किए। हमले में पिता का हाथ कट गया। जिसका एमबी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। आरोपी फतह सिंह ने भी आत्महत्या कर ली। टीचर की हत्या के पीछे जादू-टोना को कारण बताया जा रहा है। समाज के लोगों की मांग है कि अनुकम्पा पर मिलने वाली नौकरी के अलावा परिवार के दो लोगों को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए। ऐसे में जब तक सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आता है तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
मृतक शिक्षक के परिजनों का विरोध जारी, दूसरे दिन भी नहीं हो सका पोस्टमार्टम
