• स्पेन से मंगाए गए स्पाई कैमरा से लीक हुआ था पेपर, नियुक्ति के बाद चुकाई गई थी लाखों की रकम
जयपुर 7 दिसंबर। अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप विशाल बंसल ने एक बड़े खुलासे में बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2022 में आयोजित कनिष्ठ न्यायिक सहायक, लिपिक ग्रेड-द्वितीय एवं सहायक लिपिक ग्रेड-द्वितीय की संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग कर चयनित हुए चार अभ्यर्थियों को एसओजी ने गिरफ्तार किया है। यह परीक्षा 12 मार्च और 19 मार्च 2023 को संपन्न हुई थी।
एडीजी बंसल ने जानकारी दी कि इस पूरे हाई-टेक नकल तंत्र का खुलासा तब हुआ जब एसओजी ने इसी अवधि में आयोजित हुई ईओ-आरओ परीक्षा में अनुचित साधनों के प्रयोग की सूचना पर जांच शुरू की। तकनीकी विश्लेषण और पूछताछ में यह स्थापित हुआ कि पेपर लीक का मुख्य सरगना पौरव कालेर और उसका साथी तुलसाराम कालेर लाखों रुपये लेकर अभ्यर्थियों को ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से उत्तर उपलब्ध करवा रहे थे। इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर पौरव कालेर को पूर्व में ही गिरफ्तार किया जा चुका था।
इस गिरोह के नेटवर्क को तोड़ने के लिए डीआईजी एसओजी परिस देशमुख के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने गहनता से सभी प्रतियोगी परीक्षाओं का विश्लेषण किया और यह स्थापित किया कि हाईकोर्ट कनिष्ठ लिपिक परीक्षा में भी इसी गिरोह द्वारा नकल करवाई गई थी। इस आधार पर थाना एसओजी, जयपुर में प्रकरण दर्ज कर विस्तृत अनुसंधान किया गया।
गहन जांच के उपरांत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसओजी प्रकाश कुमार शर्मा की टीम ने चार चयनित अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया। इनमें चूरू निवासी दिनेश कुमार (परीक्षा केंद्र: शक्ति सरस्वती बालिका विद्यालय, चूरू), सीकर निवासी मनोज कुमार बोरान (परीक्षा केंद्र: केसर इंटरनेशनल अकादमी, मानसरोवर, जयपुर), चूरू निवासी रमेश कुमार (परीक्षा केंद्र: संजय पब्लिक स्कूल, चूरू) और मनीष बुडिया शामिल हैं।
गिरफ्तारी के समय ये चारों आरोपी कनिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत थे और प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में पदस्थापित थे। दिनेश कुमार अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सलूम्बर के न्यायालय में, मनोज कुमार राजस्थान राज्य न्यायिक अकादमी, जोधपुर में, रमेश कुमार अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश क्र. 02, राजगढ़, चूरू में, और मनीष बुडिया वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं एसीजेएम, मारवाड़ जंक्शन, पाली के न्यायालय में नियुक्त थे।
नकल का पूरा तरीका था अत्यंत हाई-टेक था
बंसल ने बताया कि अभ्यर्थियों से लाखों रुपये का सौदा किया था- दिनेश से 3 लाख, मनोज से 4 लाख, रमेश से 5 लाख, और मनीष से 3 लाख रुपये। नकल करवाने के लिए उसने स्पेन से ₹90,000 की कीमत में Innova Chem Drop Box स्पाई कैमरा मंगाया था। गिरोह के दो सदस्य अभ्यर्थी बनकर परीक्षा में बैठे और प्रश्न पत्र मिलते ही स्पाई कैमरे से उसकी स्क्रीनशॉट लेकर तुरंत सरगना पौरव कालेर को भेज दिया।
पौरव कालेर अपनी सॉल्वर एक्सपर्ट टीम के साथ पहले से तैयार था, जिसने तुरंत प्रश्न पत्र हल किया। इसके बाद पौरव कालेर ने विशेष डिवाइस की मदद से उन सभी अभ्यर्थियों से संपर्क किया, जिन्हें ब्लूटूथ डिवाइस दी गई थी, और उन्हें सही उत्तर पढ़ा दिए। यह पुष्टि हुई कि परीक्षा दिनांक 12 मार्च 2023 को जितेंद्र उर्फ अक्षय जाट और 19 मार्च 2023 को राजेश कुमार बिजारणियां द्वारा प्रश्न पत्र की स्क्रीनशॉट पौरव कालेर को भेजे गए थे। चयन के बाद इन अभ्यर्थियों ने तय की गई लाखों की राशि सरगना को दी थी।
इस प्रकरण में अब तक सरगना पौरव कालेर सहित कुल 21 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार किए गए चारों कनिष्ठ लिपिकों को न्यायालय द्वारा 10 दिसंबर 2025 तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। एसओजी द्वारा इनसे पूछताछ में अन्य संलिप्त व्यक्तियों और वित्तीय लेन-देन के बारे में जांच जारी है। एडीजी श्री विशाल बंसल ने दोहराया कि सार्वजनिक भर्ती परीक्षाओं की निष्पक्षता के साथ छेड़छाड़ करने वालों के विरुद्ध एसओजी कठोरतम कार्रवाई जारी रखेगी, क्योंकि परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित करना राज्य पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
