गायत्री सेवा संस्थान की पहल पर तीन बच्चे हुए बंधुआ मजदूरी से आजाद, गडरियो द्वारा जनजाति अंचल से नन्हे बच्चों को ले जाकर करवाई जा रही मजदूरी
(लंबे अरसे बाद पुनः गडरियो द्वारा जनजाति बच्चों से बालश्रम करवाने का आया मामला, तीन लोगो के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज)
प्रतापगढ़, 17 अगस्त 2025 l स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रतापगढ़ जिले में बालश्रम और मानव तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन जनजाति बच्चों को गडरियो के चुंगल से स्थानीय स्वयं सेवी संगठन गायत्री सेवा संस्थान की सूझ-बूझ से आजाद करवाया गया, जिसके तहत आज देवगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत मामला भी तीन लोगो के खिलाफ दर्ज किया गया l गौर तलब है की आज से कुछ वर्ष पूर्व इस तरह की शिकायत मिलने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार एवं राजस्थान बाल आयोग, राजस्थान सरकार द्वारा इसे गंभीरता से लेते हुए जाँच टिम गठित कर कार्यवाही की गई थी वही रेबारी रायका एवं गडरियो से जुड़े विभिन्न संगठनों से जो लोग बालश्रम करवाते है उन्हें चिन्हित करने की अपील भी गई थी तब से इस तरह की घटना पुन: कहीं देखने या सुनने को नहीं मिली l इसी दिशा में तत्कालीन अध्यक्ष राष्ट्रीय बाल आयोग, भारत सरकार प्रियंक क़ानूनगों द्वारा प्रदेश के पाली के बाली पंचायत समिति में 2000 से अधिक इस समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ संवाद भी किया गया था l
गायत्री सेवा संस्थान प्रतापगढ़ जिला समन्वयक रामचन्द्र मेघवाल ने फील्ड विजिट के दौरान देखा की मार्ग में अलग-अलग तीन गडरियो के समूह भेड़ लेकर जा रहे है जिनका पूरा ध्यान तीन छोटे बच्चे कर रहे थे l रामचन्द्र द्वारा इसकी जानकारी तुरंत पुलिस को दी, मामले की जाँच में सामने आया की तीनों बच्चे जनजाति अंचल उदयपुर संभाग के अलग-अलग जिले से है जिन्हे एडवांस रुपये देकर बंधुवा श्रम करवाया जाता है l संस्थान की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने भूराराम गड़रिया, गुराराम गड़रिया और नैनाराम गड़रिया के खिलाफ विभिन्न अधिनियम अन्तर्गत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। इसी के साथ लेबर डिपार्टमेंट के प्रतिनिधि विक्रम सिंह द्वारा नाबालिक बच्चो ने बयान दर्ज किये l
आरोपियों पर बच्चों को पैसों और खाने के लालच में काम पर लगाने तथा राज्य से बाहर ले जाकर बेगार कराने की योजना बनाने का आरोप है। मौके से मुक्त कराए गए बच्चों को बाल कल्याण समिति, प्रतापगढ़ को सुपुर्द कर दिया गया है।जँहा से शेल्टर किया गया |
इस अवसर पर बाल अधिकार विशेषज्ञ एवं पूर्व सदस्य राजस्थान बाल आयोग, राजस्थान सरकार डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने आरोपियों पर किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75, 79, बंधुआ श्रम उन्मूलन अधिनियम 1976 की धारा 16, 17, 18 सहित भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है। पूर्व में गडरियो द्वारा बालश्रम करवाने के मामले बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर एवं पाली जिले में मिले थे समाज के प्रमुख लोग बालश्रम करवाने के सख्त खिलाफ है परंतु फिर भी कुछ लोग लालच में बच्चों का बचपन आहूत करने में सक्रिय है इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही और बच्चों का बेहतर पुर्नवास नितांत आवश्यक है l
संस्थान के जिला समन्वयक रामचन्द्र मेघवाल ने कहा कि समाज से बालश्रम, बाल विवाह और मानव तस्करी जैसी कुरीतियों को जड़ से खत्म करने के लिए गायत्री सेवा संस्थान निरंतर कार्यरत है। स्वतंत्रता दिवस पर बच्चों को मिली यह आज़ादी संस्थान के प्रयासों की बड़ी सफलता है।