भीलवाड़ा 17 फरवरी। राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड स्थानीय संघ भीलवाड़ा के तहत संगम एक्सीलेंट स्कूल में संचालित स्काउट टु्प, गाइड कंपनी का प्रथम सोपान जांच शिविर एवं दीक्षा संस्कार शुक्रवार को सहायक लीडर ट्रेनर (स्काउट) एवं सचिव स्थानीय संघ श्री प्रेम शंकर जोशी के मुख्य आतिथ्य तथा संगम विश्वविद्यालय के रोवर लीडर प्रोफेसर श्री रजनीश शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
लेडी स्काउट मास्टर कविता सिन्हा के अनुसार 6 माह पूर्व प्रवेशित स्काउट गाइड के प्रथम सोपान जांच शिविर में स्काउट नियम, प्रतिज्ञा, झंडा गीत, राष्ट्र गीत, प्रार्थना ,बायॉ हाथ मिलाना, सेल्यूट आदि विषयों की जांच की गई।
इस अवसर पर स्काउट गाइड संगठन की रीति नीति आदर्श नियम प्रतिज्ञा में विश्वास रखने वाले नव प्रवेशित स्काउट गाइड को स्काउट फ्लैग एवं स्काउट चिन्ह के साथ सहायक लीडर ट्रेनर श्री जोशी ने प्रतिज्ञा का दौहरान कराया तथा लेडी स्काउट मास्टर एवं गाइड कैप्टिन ने स्कॉर्फ पहनाकर के बाया हाथ मिलाया एवं सेल्यूट कराकर विधि विधान से स्काउट गाइड बालकों का दीक्षा संस्कार पूरा किया। इस अवसर पर शारीरिक शिक्षक डॉ युवराज गाइड कैप्टिन वर्षा राठौड़ उपस्थित थे।
सास बहू सम्मेलन का आयोजन कर परिवार नियोजन के लिए महिलाओं को किया जागरूक
भीलवाड़ा, 17 फरवरी।एमसीएचएन दिवस के मौके पर जनसंख्या पर नियंत्रण करने और इसके लिए सास-बहू सम्मेलन का आयोजन शुक्रवार को आमजन को समझाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा Health wellness center पीपली ग्राम पंचायत के अंतर्गत गांव कलुंदियां में सास-बहू सम्मेलन का आयोजन किया गया।
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सी.पी. गोस्वामी ने बताया कि सम्मेलन में गांवो की सास व बहुएं शामिल हुईं । महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता मंजू मीणा ने खुलकर गांवों में रहने वाली सास व बहुओं से चर्चा कर सास बहुओं को समझाया और बताया कि छोटा परिवार होने से क्या फायदे हो सकते है। सास बहुओं को उनकी ही भाषा और लहजे में समझाया कि वो अपना परिवार छोटा किस प्रकार रख सकतीं हैं, किन साधनों का प्रयोग कर सकती हैं। साथ ही उनकी सास भी अपनी बहू को परिवार छोटा रखने के फैसले का स्वागत करें और उनका मानसिक रूप से सहयोग करें।
सास-बहू सम्मेलन में सीमित परिवार के लाभ, विवाह की सही आयु, विवाह के बाद कम से कम दो साल के बाद पहला बच्चा,पहले व दूसरे बच्चे में कम से कम 3 साल का अंतर, परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थाई साधनों के बारे में संपूर्ण जानकारी, परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि एवं परिवार कल्याण के स्थाई व अस्थाई साधनों को अपनाने की जानकारी दी गई ।
सम्मेलन में परिवार नियोजन, स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं योजनाओं की जानकारी देने के साथ साथ भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया गया। सास बहू अपने परिवार नियोजन संबंधी अनुभवों को साझा कर सास बहू सम्मेलन के माध्यम से गांव की महिलाओं में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। सम्मेलन में शेखर बलाई, आशा सहयोगिनी रतन जाट, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मंजू पांडे व ग्रामीण महिलाएं उपस्थित हुईं।