कार्यशाला ने नवाचार-संचालित अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत की: प्रो. सारंगदेवोत

भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के आरजीएनआईआईपीएम व जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के संयुक्त तत्वावधान में आईपीआर पर ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन

उदयपुर, 25 नवंबर: भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत राजीव गांधी राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा प्रबंधन संस्थान (आरजीएनआईआईपीएम) और जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को ‘पेटेंट एवं डिजाइन जागरूकता’ विषय पर एक दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया।

कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे माननीय कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि नवाचारों को संरक्षण देकर भारत ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बौद्धिक संपदा संरक्षण आज के डिजिटल युग में पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।

उन्होंने कहा कि देश में समावेशी प्रगति और आईपीआर कानूनों को मजबूती प्रदान करने के लिए आईपी क्रांति लाने की आवश्यकता है, जिससे गुणवत्तापूर्ण रोज़गार का सृजन होगा।

मुख्य वक्ता श्री कुमार राजू, सहायक नियंत्रक (पेटेंट एवं डिजाइन) ने प्रतिभागियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और डिजाइन पंजीकरण की विस्तृत जानकारी देते हुए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को विस्तार से समझाया।

कुमार राजू ने बताया कि एक नवाचार का उचित प्रतिफल प्राप्त करने के लिए न केवल पेटेंट, बल्कि डिज़ाइन को भी स्वयं के नाम से सुरक्षित करवाना चाहिए। उन्होंने दैनिक जीवन पर आईपीआर के प्रभाव और नवाचारों को आईपीआर द्वारा दिए जा सकने वाले सहयोग के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।

प्रारम्भ में स्वागत उद्बोधन देते हुए डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी ने बताया कि यह कार्यशाला भारत सरकार के राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरूकता मिशन के अंतर्गत आयोजित की गई थी।

डॉ. नीरू राठौड़ ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए प्रतिभागियों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं अर्पित कीं।

तकनीकी सहयोग डॉ. ललित सालवी और डॉ. विकास डांगी ने किया।

कार्यशाला में देश भर से 850 से अधिक शोधार्थियों, शिक्षकों और छात्रों ने भाग लेकर इस ज्ञानवर्धक सत्र का लाभ उठाया।
By Udaipurviews

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