उदयपुर, 10 जून। वृक्षारोपण एवं नर्सरी तकनीक पर एक दिवसीय कार्यशाला सोमवार को वन भवन के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित हुई।
मुख्य अतिथि मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एस.आर.वी. मूर्थी ने पहाड़ियों को हरा-भरा करने के लिए बीजरोपण, कटिंग, शीड़ वॉल एवं मृदा अनुसार पौधे लगाकर जैव विविधता बढ़ाने पर जोर दिया। रिटायर्ड उप वन सरंक्षक ओ.पी.शर्मा, ने सफल वृक्षारोपण के लिए विभिन्न तकनीकों के बारे में बताया और स्थानीय प्रजातियों को वन क्षेत्र में पौधा रोपण करने तथा स्थानीय बीजों का एकत्रिकरण कर वन क्षेत्रों में बीज रोपण का सुझाव दिया। पौधशाला में पौधों को ग्रेड़िग कर अच्छी गुणवत्ता के पौधों को वृक्षारोपण में उपयोग लेने को कहा। मुख्यतः फील्ड़ स्टाफ को पीपीटी के माध्यम से समझाया गया।
उप वन संरक्षक डी.के.तिवारी ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए वन क्षेत्रों में वन्यजीव प्राणियों के आहार हेतु चारागाह विकास पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया। अन्त में सहायक वन सरंक्षक गणेश गोठवाल ने आभार जताया। कार्यशाला में वन्यजीव अभयारण्य जयसमन्द, सज्जनगढ़, फुलवारी की नाल अभयारण्य के सहायक वन संरक्षक एवं रेंज जयसमन्द, सज्जनगढ, मामेर, पानरवा, कोटड़ा के क्षेत्रीय वन अधिकारी, वनपाल, सहायक वनपाल, वन रक्षक आदि ने भाग लिया।
वृक्षारोपण एवं नर्सरी तकनीक पर कार्यशाला सम्पन्न
