-महा शिव पुराण में कथा व्यास बोले, नित्य सूर्य को दें अर्घ्य, जीवन में प्रकाश बढ़ेगा
उदयपुर, 11 अगस्त। ‘बिनु सत्संग विवेक न होई, राम कृपा बिनु सुलभ न सोई’ अर्थात बिना सत्संग विवेक नहीं मिलता और बिना राम की कृपा के सत्संग नहीं मिलता। यदि हृदय में अनुराग है तो भगवान अवश्य मिलेंगे और हृदय में भक्ति का अनुराग होगा तो व्यक्ति में स्वतः ही सद्संस्कारों का संचार होगा।
यह बात यहां बड़बड़ेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में चल रहे सनातनी चातुर्मास के अंतर्गत महा शिव पुराण कथा के दूसरे दिन कथा व्यास सुशील महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने भी भगवान शिव की पूजा की थी। रामेश्वरम महादेव का नामकरण भगवान राम ने यही कहकर किया था कि जो राम के ईश्वर हैं, वे रामेश्वर हैं। भगवान राम ने भी उनसे पहले भगवान शिव की पूजा करने की बात कही है।
कथा व्यास ने कहा कि भगवान शंकर ने ही गायत्री मंत्र व महामृत्युंजय जप हमें प्रदान किया। चार प्रहर की पूजा से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं व समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। महादेव की पूजा में बिल्व पत्र व जल दोनों हाथ से चढ़ाने चाहिए।
उन्होंने बताया कि अनंत ऊर्जावान सूर्य भगवान को नित्य एक लोटा जल का अर्घ्य अवश्य चढ़ाना चाहिए, इससे जीवन में व्याप्त अंधकार समाप्त हो जाता है। उन्होंने बताया कि पुत्र कामना योग के लिए शनिवार की त्रयोदशी का व्रत करना चाहिए, निरोग के लिए मंगलवार की त्रयोदशी का व्रत करना चाहिए, दीर्घायु के लिए रविवार को आने वाली त्रयोदशी का व्रत करना चाहिए।
मीडिया संयोजक मनोज जोशी ने बताया कि बड़बड़ेश्वर महादेव के प्रांगण में दिगम्बर खुशाल भारती महाराज के सानिध्य में सनातनी चातुर्मास में नित्य प्रति अनुष्ठानों का क्रम जारी है। 25 जुलाई से शुरू हुए पंच पुराण कथाओं के क्रम में यह दूसरी कथा है। महा शिव पुराण कथा का समय दोपहर 1.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक है। कथा 21 अगस्त तक चलेगी। शहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सूरजपोल व पानेरियों की मादड़ी से बड़बड़ेश्वर महादेव, बलीचा ट्रांसपोर्ट नगर के सामने तक बस सुविधा भी रखी गई है।
बिनु सत्संग विवेक न होई – सुशील महाराज
