दुःख के बिना सुखानुभूति भी नहीं

उदयपुर, 5 जून। नारायण सेवा संस्थान में दिव्यांगजन के साथ ‘अपनों से अपनी बात ’ संवाद परक कार्यक्रम के अंतिम दिन संस्थान अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल ने कहा कि दुःख को दुर्भाग्य न माने। दुःख-सुख तो जीवन का क्रम है, जो चलता रहता हैं। दुःख को जिसने अपनी जीवनी शक्ति बना लिया वह कभी हार नहीं सकता । दुःख और मुश्किलें ही तो सफलता का मार्ग बनती है। उन्होंने कहा कि दुःख से ही सुख की अनुभूति होगी।
कार्यक्रम में दिव्यांगजन ने अपने संघर्ष, समस्याओं और भविष्य को लेकर उनसे संवाद किया और परामर्श प्राप्त किया।
By Udaipurviews

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