जहां लगावःवहां दुख-आचार्य ज्ञानेश

उदयपुर। श्री अरिहंतमार्गी जैन महासंघ शाखा उदयपुर के तत्वावधान में ओरबिट रिसोर्ट स्थित अरिहंत भवन में आयोजित धर्मसभा में आचार्य ज्ञानचंद्र महाराज ने कहा कि मनुष्य का जिस स्थान या जिस चीज के साथ लगाव होता है। वहीं उसके साथ कुछ भी अनष्टि होने पर उसे दुख का अनुभव होता है।
उन्होंने कहा कि हम किस दृष्टिकोण से बात को पकड़ते हैं, यह महत्वपूर्ण है। बिल्ली अपने बच्चों को पड़ती है और चूहे को भी पड़ती है, लेकिन दोनों में बड़ा फर्क रहता है। मिट्टी के दो गोल हैं- एक गीला है दूसरा सुखा है। जो गीला है वो चिपकेगा, जो सुखा है वो नहीं चिपकेगा। इसी प्रकार से व्यक्ति संसार में दो रूप अनुभव करता है।
उन्होंने कहा कि आपकी क्या जिंदगी है। दिखने में दोनों गोले समान है। तो वैसे ही मनुष्य दिखने में सब एक जैसे हैं, किंतु लगाव में फर्क है। जो लगाव से चिपका हुआ है, वो टूटेगा। जो सुखा है, वो अखंड रहेगा। जैसे नारियल का गोला सुखा है वो फोड़ने पर अखंड निकलता है और गीला नारियल टूट- टूट कर निकलता है। यही फर्क संत और गृहस्थ में है। संत आसक्ती से परे जीवन जीते हैं, जबकि वो भी खाते हैं, पहनते हैं, सब आवश्यक शरीर की क्रियाएं करते हैं।
दूसरी तरफ गृहस्थ जीवन है, वहां आसक्ती की चिपकाहट है। चिपकाहट को शास्त्रों में मोह कहते हैं। उस मोह से ही कर्म बंध होता है।
आचार्य ने कहा कि कर्म बंधन चार प्रकार प्रकृति बंध, स्थिति बंध, अनुभाग बंध, प्रदेश बंध से होता है। हर कर्म का अपना अलग-अलग स्वभाव है। कोई कर्म ज्ञान गुण को ढ़कते हैं, कोई कर्म मोहित करते हैं, कोई कर्म अन्तराय देते हैं। इस प्रकृति को लड्डू का उदाहरण देकर समझाया गया।
कोई लड्डू सौंठ का है तो उसका गुण अलग है। कोई लड्डू मेंथी का है तो उसका गुण अलग है। कोई लड्डू उड़द का है तो उसका गुण अलग है। आचार्य ने आगे बताया कि जहां पकड़ है वहां परेशानी होती है। साधु को पकड़ नहीं तो वहां परेशानी नहीं है।
गृहस्थ को इंद्रियों के प्रति, परिवार के प्रति, मकान के प्रति, शरीर के प्रति, बच्चों के प्रति जो आसक्ती है, वही उसके दुख का कारण है।
जिसकी परिवार के प्रति पकड़ रहती है, वह छोटी-छोटी बातों से परिवार से झगड़ा कर लेता है।
आपने स्वभाव और आत्मा को समझकर शादी की है तो निभेगी, लेकिन आज सुंदरता और पैसा देखकर शादी की जाती है, जो परेशानी का कारण बन रही है।ॅ

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!