उदयपुर। जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के संघटक विभाग डिपार्टमेंट ऑफ़ कंप्यूटर साइंस एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के विधार्थियों हेतु विलेज कैंप का आयोजन किया गया. संस्थान निदेशक प्रो. मंजू माण्डोत ने बताया की विधार्थियों को विलेज कैंप हेतु श्रेय भारती सामुदायिक केन्द्र, साकरोदा तथा जन भारती सामुदायिक केन्द्र, कानपूर ले जाया गया. मुख्य अतिथि माननीय कुलाधिपति श्री बी एल गुर्जर ने कहा की विलेज कैंप से विद्यार्थियों को ग्रामीण जीवनशैली और वहां की समस्याओं को समझने में मदद मिलेगी, साथ ही वे अपने तकनीकी ज्ञान का उपयोग करके ग्रामीण समुदायों के लिए कुछ उपयोगी समाधान भी विकसित कर सकते हैं. विशिष्ठ अतिथि माननीय कुलगुरु प्रो. एस एस सारंगदेवोत ने अपने उद्बोधन में बताया की इस तरह के विलेज कैंप विद्यापीठ काफी वर्षो से कराता आया है, जिससे छात्रों का समग्र एवं सर्वांगीण विकास हो सके एवं किस तरह से हम सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए हम हमारे गाँवो में व्याप्त विभिन्न समस्याओ को दूर कर सके. इस भ्रमण का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में कंप्यूटर के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और विद्यार्थियों को ग्रामीण विकास में योगदान करने के लिए तैयार करना है। यह आयोजन छात्रों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का सामना करने और समाधान करने में भी मदद करेगा। छात्रों में सामाजिक जिम्मेदारी की भावना जागृत होगी और वे समुदाय के विकास में योगदान करने के लिए प्रेरित होंगे। उक्त कैंप में विधार्थियों ने ग्रामीण जीवनशैली, पारंपरिक व्यवसाय, और सांस्कृतिक पहलुओं का अध्ययन किया तथा ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और स्वच्छता, के लिए तकनीकी समाधान विकसित करने पर विचार किया । विलेज कैंप के सफल आयोजन में विभाग के संकाय सदस्यों डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. प्रदीप सिंह शक्तावत, डॉ. भरत सुखवाल ने अहम् भूमिका निभाई. उक्त कार्यक्रम में स्टाफ सदस्य मुकेश नाथ, दुर्गाशंकर, मनोज यादव, त्रिभुवन सिंह बमनिया उपस्थित थे I कंप्यूटर विभाग के छात्रों के लिए विलेज कैंप का आयोजन एक लाभकारी और सार्थक पहल रही । यह न केवल छात्रों के लिए ज्ञान और अनुभव का एक महत्वपूर्ण स्रोत रहा, अपितु ग्रामीण समुदायों के विकास में भी सहायक सिद्ध हुआ। यह विलेज कैंप विद्यार्थियों के लिए एक अनूठा और यादगार अनुभव रहा, और इससे उन्हें एक जिम्मेदार और संवेदनशील नागरिक बनने में मदद मिली।