ब्लाइंडफोल्ड होकर पहचाने 55 वीरता पुरस्कार विजेता, 26 जुलाई कारगिल विजय दिवस पर रचा इतिहास
उदयपुर। मेवाड़ निवासी भारतीय सेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल कृष्ण दयाल सिंह राठौड़ और हरितिमा शेखावत की पुत्री वेदिका राठौड़ ने मात्र 11 वर्ष 8 माह 7 दिन की आयु में ऐसा अद्वितीय कारनामा कर दिखाया, जो देशभर के बालको के लिए प्रेरणा बन गया है। 26 जुलाई 2025, कारगिल विजय दिवस के अवसर पर, वेदिका ने पूरी तरह ब्लाइंडफोल्ड (आँखों पर पट्टी बांधकर) रहते हुए भारतीय सशस्त्र बलों के कुल 55 वीरता पुरस्कार विजेताओं की पहचान कर ली। इस आयोजन में 21 परमवीर चक्र विजेता (श्रेणी 1),34 अन्य वीरता पुरस्कार विजेता है (श्रेणी 2)।
यह आश्चर्यजनक प्रदर्शन मिडब्रेन एक्टिवेशन और सेंसरी एनहांसमेंट प्रशिक्षण के माध्यम से संभव हुआ, जिसकी विशेषज्ञ ट्रेनिंग एबीसी ,ब्रेन कोच जयपुर द्वारा प्रदान की गई और जिसमें मुख्य मार्गदर्शक के रूप में माइंड ट्रेनर प्रवीण पारीक और श्रीमती निशा पारीक का अहम योगदान रहा।
वेदिका का यह रिकॉर्ड इन्फ्लूएन्सर बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है और यह प्रदर्शन यह सिद्ध करता है कि सही मार्गदर्शन और समर्पण से बच्चों में असीम मानसिक क्षमताओं को विकसित किया जा सकता है।
मेवाड़ के रहने वाले भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल कृष्ण दयाल सिंह राठौड़ की सुपुत्री वेदिका राठौड़ ने बनाया अद्वितीय कीर्तिमान
