’डूंगरपुर, 01 नवम्बर । डूंगरपुर स्थापना दिवस के अवसर जिला प्रशासन, डूंगरपुर, पर्यटन विभाग, राजस्थान एवं नगर परिषद, डूंगरपुर के संयुक्त तत्वावधान में वागड महोत्सव-2025 को आयोजन दिनांक 02 से 04 नवम्बर, 2025 तक किया जा रहा है।
समारोह के प्रथम दिन दोपहर 03.30 बजे शोभयात्रा निकाली जायेगी, जो लक्ष्मण मैदान से प्रारम्भ होकर कोठी गेट, तहसील चौराहा, गेपा सागर पाल, पुराना हॉस्पीटल, सोनिया चौक, दर्जी वाड़ा से पुनः पुराना हॉस्पीटल से होकर गेप सागर पाल पर सांय 5.00 बजे समाप्त होगी। शोभयात्रा में आकर्षक रूप से सजे-धजे घोड़े एवं ऊँट, पुलिस बेण्ड, स्कूल कॉलेज के विद्यार्थी तथा महिला एवं बाल विकास से संबंधित संस्थाओं की महिलायें भाग लेंगी। सांयकाल 05.30 बजे स्काउट व स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा गेपसागर की पाल पर दीपदान किया जायेगा तथा सांय 7 बजे नगर परिषद, डूंगरपुर की ओर से बादल महल से आकाशीय आतिशबाजी का प्रदर्शन किया जायेगा।
सांयकालीन सांस्कृतिक संध्या का प्रारम्भ सांय 7 बजे विशिष्ठ अतिथियों के दीप प्रज्जवलन के पश्चात् राजकीय महारावल उच्च माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा किया जायेगाके अन्तर्गत पर्यटन विभाग के लोक कलाकारों राजस्थान लोक नृत्य चरी, घूमर, चकरी तथा कालबेलिया नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी जायेगी। इसके साथ-साथ विभिन्न स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा नृत्य एवं देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी जायेगी।
महोत्सव के दूसरे दिन प्रातः 10.30 बजे लक्ष्मण मैदान में पारम्परिक खेलकूद एवं प्रतियोगतायें आयोजित की जायेगी, जिसमें रंगोली, मेहन्दी, सीतोलिया, नींबू रेस, रस्साकशी की प्रतियोगितायें आयोजित की जायेगी। सांयकालीन सांस्कृतिक संध्या के अन्तर्गत लक्ष्मण मैदान पर सांय 7 बजे से स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा नृत्य एवं देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति के साथ-साथ पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर की ओर से गुजरात के सिद्धी धमाल तथा राठवा नृत्य एवं उदयपुर के भवई नृत्य के कलाकारों द्वारा आकर्षक नृत्यों की प्रस्तुति दी जायेगी।
3 नवम्बर को ही देवसोमनाथ मंदिर, दोवड़ा में मंदिर परिसर के बाहर की ओर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत पर्यटन विभाग द्वारा आमंत्रित बारां के कलाकारों द्वारा चरी, घूमर, चकरी, कालबेलियों नृत्य की प्रस्तुति के साथ-साथ राजस्थानी लोग गायन की प्रस्तुति दी जायेगी।
महोत्व के अंतिम दिन 4 नवम्बर को सागवाड़ा में प्रातः 10.30 बजे रंगोली, मेहन्द्र, रस्सा कस्सी, साफा बांधना, मटका-दौड जैसी पारम्परिक खेलकूद एवं प्रतियोगितायें आयोजित की जायेगी। सांयकाल 5.30 बजे मसानिया तालाब की पाल पर दीपदान किया जायेगा। सांय 07.00 बजे पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर की ओर से गुजरात के सिद्धी धमाल तथा राठवा नृत्य एवं उदयपुर के भवई नृत्य के कलाकारों द्वारा आकर्षक नृत्यों की प्रस्तुति दी जायेगी।
शोभा यात्रा के साथ होगी वागड महोत्सव की शुरूआत
