“उदयपुर फाइल्स” हुई देशभर में रिलीज-कन्हैयालाल हत्याकांड की सच्चाई से रूबरू हुआ देश

उदयपुर 8 अगस्त/ उदयपुर की बहुचर्चित और बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ आखिरकार देशभर में रिलीज हो गई। यह फिल्म 28 जून 2022 को राजस्थान के उदयपुर में घटित हुए भयावह कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित है, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था। तब “सिर तन से जुदा” जैसे कट्टरपंथी नारे गूंज रहे थे और दो मुस्लिम युवकों ने एक दर्ज़ी कन्हैयालाल साहू की गर्दन बेरहमी से काट दी थी।

पुलिस जांच में सामने आया कि हत्यारों के संबंध पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से थे। यह मामला वर्तमान में जयपुर की स्पेशल कोर्ट में चल रहा है। फिल्म के प्रदर्शन को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं तक दायर की गईं, लेकिन कोई अदालत इसे रोक नहीं पाई। राजस्थान हाईकोर्ट की अनुमति के बाद अब फिल्म देशभर में सिनेमा हॉल में दिखाई जा रही है।

उदयपुर शहर में फिल्म तीन सिनेमाघरों में एक साथ प्रदर्शित की गई। पहले ही दिन सुबह 11 बजे के शो में मृतक कन्हैयालाल के बेटे यश साहू ने अपने परिवार के साथ फिल्म देखी। उन्होंने कहा, “इस फिल्म को देखने के बाद किसी की आंखें सूखी नहीं रह सकतीं। यह फिल्म आतंकवादियों के देशद्रोही चेहरे को उजागर करती है।”

यश साहू ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए बताया कि उनके पिता की अस्थियों का अभी तक विसर्जन नहीं किया गया है। वे तभी अंतिम संस्कार पूरा करेंगे जब आरोपियों को अदालत से फांसी की सजा मिलेगी। वे अब तक बाल नहीं कटवाए हैं और जूते-चप्पल भी नहीं पहनते। उन्होंने अदालत की धीमी प्रक्रिया और प्रभावशाली संस्थाओं के हस्तक्षेप पर भी नाराजगी जताई।

यश ने बताया कि आरोपियों के पक्ष में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद जैसी संस्था कोर्ट में पैरवी कर रही है और इस संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में फिल्म पर रोक लगाने की याचिका भी दायर की थी। उन्होंने कहा, “जो आरोपी खुद को गरीब बताते हैं, वे सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल जैसे वरिष्ठ वकील से पैरवी करवा रहे हैं।”


🎞️ फिल्म की विशेषताएं (Film Features):

  • निर्देशक: [निर्देशक का नाम नहीं बताया गया]

  • कहानी: सच्ची घटना पर आधारित, तथ्यपरक और संवेदनशील प्रस्तुति

  • फोकस: आतंकवाद, धर्मांधता, कट्टरपंथ और न्याय प्रणाली की चुनौतियाँ

  • रूपांकन: सीमित ग्राफिक्स, लेकिन भावनात्मक और यथार्थपूर्ण दृश्य

  • सेंसर बोर्ड: कुछ हिंसक दृश्यों को कम किया गया है

  • अवधि: लगभग 2 घंटे

  • मुख्य पात्र: कन्हैयालाल साहू और उनके परिवार की पीड़ा को केंद्र में रखा गया है

  • भाषा: हिंदी (कुछ संवाद स्थानीय बोली में)

देशभर की प्रतिक्रिया 

  • उत्तर भारत: राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और दिल्ली में भारी संख्या में दर्शक पहले ही दिन सिनेमाघरों में पहुंचे।

  • दक्षिण भारत: फिल्म को सीमित स्क्रीनिंग मिली, लेकिन सोशल मीडिया पर जागरूकता तेज़ी से बढ़ रही है।

  • सोशल मीडिया: #UdaipurFiles ट्रेंड कर रहा है।

  • सामाजिक संगठन: हिंदू संगठनों ने फिल्म का समर्थन किया है।

  • राजनीतिक प्रतिक्रिया: कुछ राजनेताओं ने इसे समाज को जगाने वाली फिल्म बताया, वहीं कुछ वर्गों ने इसे ‘ध्रुवीकरण’ की कोशिश भी कहा।

By Udaipurviews

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