यूडीए इतने वर्षों तक किस नींद में सो रहा था? बेघर हुए गरीब परिवारों के लिए आशियाने की व्यवस्था करे ‘पर्ची सरकार’ – कचरू लाल चौधरी
बलिचा (सवीना खेड़ा, नेला) स्थित बड़ी कोटलिया में यूडीए की मनमानी के खिलाफ उदयपुर शहर एवं देहात कांग्रेस ने यूडीए के बाहर प्रदर्शन कर पीड़ितों को आशियाना एवं जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने को लेकर ज्ञापन दिया।
उदयपुर। 10 नवंबर। बलिचा (सवीना खेड़ा, नेला) स्थित बड़ी कोटलिया में विगत दिनों यूडीए द्वारा मनमाने तरीके से हुई कार्रवाई के खिलाफ उदयपुर शहर एवं देहात कांग्रेस जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा यूडीए के बाहर प्रदर्शन कर बेघर हुए पीड़ित परिवारों को आशियाना एवं जिम्मेदार भाजपा नेताओं और कर्मचारियों पर कार्रवाई करने को लेकर ज्ञापन दिया।
उदयपुर देहात जिला कांग्रेस प्रवक्ता डॉ संजीव राजपुरोहित ने बताया कि प्रातः 11 बजे उदयपुर विकास प्राधिकरण (यूडीए) के कार्यालय के बाहर उदयपुर शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष फतह सिंह राठौड़ एवं उदयपुर देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष कचरू लाल चौधरी के नेतृत्व में यूडीए द्वारा मनमाने तरीके से की गई कार्रवाई के विरोध में और गरीब पीड़ित परिवारों को अंधेरे में रखकर कॉलोनी बसाने वाले भाजपा नेताओं और यूडीए कर्मचारियों पर कार्रवाई करने को लेकर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया।
प्रदर्शन के दौरान शहर एवं देहात जिला कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने हाथों में ‘पर्ची सरकार’ की मनमानी, नहीं चलेगी – नहीं चलेंगी। दोषी अधिकारियों को बर्खास्त करो – बर्खास्त करो। पीड़ित परिवारों को आशियाना दो -आशियाना दो। एवं पीड़ित परिवारों के साथ न्याय हो – न्याय हो। की तख्तियां लेकर यूडीए की इस मनमानी कार्रवाई के खिलाफ विरोध दर्ज करवाया। विरोध प्रदर्शन के बाद यूडीए आयुक्त को ज्ञापन भी दिया गया। ज्ञापन में इस संबंध में दोषी नेताओं, भू- माफियाओं एवं विभागीय अधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाने एवं उनके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई कर उनकी अर्जित संपत्तियों को जब्त कर गरीब परिवारों को उचित मुआवजा दिलवाए जाने तथा पीड़ित परिवारों के लिए वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराए जाने की मांग करी।
विरोध प्रदर्शन एवं ज्ञापन के बाद उदयपुर शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष फतह सिंह राठौड़ ने कहा कि उदयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के नाम पर गोवर्धन विलास थाना क्षेत्र में अनेक गरीब परिवारों के मकान तोड़े गए यह अत्यंत दुखद एवं अमानवीय घटना है। सभी गरीब परिवार उन भू-माफिया के बहकावे में आए जिन्होंने अपने राजनीतिक प्रभाव का उपयोग करते हुए अवैध प्लॉट बेच दिए। इन भू-माफिया में कुछ सत्तारूढ़ दल के नेता एवं पदाधिकारी सम्मिलित है। इन गरीब परिवारों ने अपने जीवन भर की कमाई लगाकर इन भूखंडों पर मकान बनाए और उसमें रहने लगे। उसे क्षेत्र में विधायक मद से पानी की टंकी का निर्माण हुआ, साथ ही अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा बिजली कनेक्शन जारी किए गए साथ ही जलदाय विभाग द्वारा पानी के कनेक्शन भी दिए गए इससे यह स्पष्ट होता है कि संबंधित विभागों को इस बस्ती के अस्तित्व की जानकारी थी। इसके अतिरिक्त यूआईटी के तहसीलदार एवं अन्य जिम्मेदार अधिकारी जिनके सेक्टर में यह क्षेत्र आता है उनकी मॉनिटरिंग में भी गंभीर लापरवाही रही। यदि इन अधिकारियों ने समय पर संज्ञान लेकर अवैध निर्माण प्रारंभ में ही रोका होता तो आज ये नौबत नहीं आती। अतः इन अधिकारियों को भी समान रूप से जिम्मेदार मानते हुए उनके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक एवं कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
उदयपुर देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष कचरू लाल चौधरी ने कहा कि एक व्यक्ति अपने जीवन में एक बार ही अपना मकान बनवाता है और उस मकान में उसकी जीवन भर की कमाई खर्च हो जाती है। ऐसे में प्राधिकरण ने मानवीय मूल्यों को ताक में रखकर सभी को बेघर कर दिया। सबसे बड़े दोषी तो वो भू-माफिया है जिन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर गरीब भोले-भाले परिवारों को अंधेरे में रखकर ये प्लॉट दिए। उनके साथ ही वो कर्मचारी भी दोषी है जिन्होने वर्षों तक इन गरीब परिवारों को अंधेरे में रखकर बिजली, पानी के कनेक्शन दिया। ऐसे में इस कर्मचारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही इन गरीब परिवारों के लिए वैकल्पिक आवास की व्यवस्था भी करनी चाहिए। उदयपुर विकास प्राधिकरण की इस मनमानी ने तो अंग्रेजी हुकूमत की याद दिला दीं। जिस तरह अंग्रेजी हुकूमत ने उस समय गरीबों पर अत्याचार किए वैसा ही आज यूडीए द्वारा किया गया है। संवेदनाओं को ताक में रखकर यूडीए द्वारा कि गई इस कार्रवाई ने तो अत्याचार करने में अंग्रेजी हुकूमत को भी पीछे छोड़ दिया है। उस क्षेत्र में पीड़ित परिवार विगत दस से पंद्रह सालों से रह रहे थे, उस कॉलोनी में विद्युत विभाग द्वारा सभी को बिजली कनेक्शन उपलब्ध करवाए गए। विगत दो – तीन सालों से जल विभाग द्वारा पेयजल के कनेक्शन उपलब्ध करवा दिए। क्षेत्र में पोनी की बड़ी टंकी भी बनवाई गई। तो उस समय जिम्मेदार अधिकारी मौन क्यूं रहे? उस समय उन पर क्या दबाव रहा। और आज ऐसा क्या दबाव आया कि पीड़ित परिवारों के लिए पहले बिना किसी उचित व्यवस्था किए उनके वर्षों पुराने निर्माण तोड़ दिए। कांग्रेस इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। और पीड़ितों के साथ संघर्ष करेगी।
विरोध प्रदर्शन करने वालों में उदयपुर शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष फतह सिंह राठौड़, उदयपुर देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष कचरू लाल चौधरी, पीसीसी उपाध्यक्ष सुरेश श्रीमाली, पीसीसी महासचिव गोपाल शर्मा, पंकज कुमार शर्मा, सुरेश सुथार, पीसीसी सचिव दिनेश श्रीमाली, उदयपुर शहर जिला कांग्रेस संगठन महासचिव अरुण टांक, उदयपुर शहर जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष दलपत सिंह चुंडावत, मोहम्मद अय्यूब, महिला कांग्रेस की नजमा मेवाफरोश, सीमा पंचोली, शांता प्रिंस, ब्लॉक अध्यक्ष अजय सिंह, उदयपुर देहात जिला कांग्रेस महासचिव लक्ष्मी नारायण मेघवाल, भूपेंद्र चौहान, उदयपुर देहात जिला कांग्रेस प्रवक्ता डॉ संजीव राजपुरोहित, उदयपुर शहर जिला कांग्रेस प्रवक्ता पंकज पालीवाल, शिव शंकर मेनारिया, उदयपुर शहर जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह केलावत, यशवंत राजोरा, लक्ष्मी लाल सोनी, धर्मेंद्र राजोरा, पूर्व पार्षद शंकर चंदेल, बतूल हबीब, मदन सिंह बाबरवाल, राजेश जैन, गौरव प्रताप सिंह, हिदायतुल्ला, कौसर परवीन, मोहसिन खान, दीपक राजोरा, फिरोज अहमद शेख, अमित सुहालका, ऋतुराज मिश्रा, सत्यनारायण टांक, सिद्धार्थ सोनी, हरिदांशु जैन, बगदी लाल जैन, भंवर लाल जैन, गणेश लाल शर्मा, गोपाल सरपटा, सुरेश सोलंकी, भूपेंद्र चौधरी, महेंद्र डामोर, गोविंद सक्सेना, देवेंद्र माली, यशवंत चौधरी सहित कई पदाधिकारी एवम कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
