उदयपुर, 20 अक्टूबर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर एवं अभिलाषा स्पेशल विद्यालय उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय वारली कार्यशाला का शुक्रवार को समापन हुआ।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर की केंद्र निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि विद्यालय के विशेष विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु दो दिवसीय वारली कला कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें 50 विद्यार्थियों ने कैनवास पर सुंदरता से वारली कला की विभिन्न आकृतियां उकेरी। इस कार्यशाला के विशेषज्ञ इंटरनेशनल वारली कलाकार अनिल चौत्या वांगड़ थे।
कला विशेषज्ञ ने स्पेशल विधार्थियों के कार्यों की प्रसंशा की। केंद्र निदेशक ने बताया कि स्पेशल बच्चों को लाइफ स्किल देने के लिए यह कार्यशाला की जा रही है। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा अभिलाषा स्पेशल स्कूल के विद्यार्थियों के लिए यह छठीं कार्यशाला संपन्न हुई है। महाराष्ट्र की वारली लोक कला शुभ अवसरों पर बनाई जाती है। वारली कला जनजाति समुदाय से प्रेरित है, जो मुंबई महाराष्ट्र के उत्तरी बाहरी इलाके में पाई जाती है। इस कला को अधिकतर पूजा स्थलों और दीवारों पर बनाए जाते हैं। सूरज, चांद, वृक्ष, पक्षी, नर तथा नारी आदि के चित्र मिलकर एक वारली चित्र को पूर्णता प्रदान करते हैं। अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
दो दिवसीय वारली कला कार्यशाला का समापन
