जो खुद के लिये करते है वह स्वयं के साथ ही समाप्त हो जायेगा लेकिन दूसरों के लिए किया गया काम विरासत बनेगाः आचार्य ज्ञानचन्द्र

उदयपुर। जैनाचार्य ज्ञानचंद्र महाराज ने कहा कि जो आप अपने लिए करते हैं, वो आपके साथ ही खत्म हो जाएगा। जो आप दूसरों के लिए करते हैं, वो विरासत बन जाएगा।
वे आज प्रेम पर्वत सेक्टर 4 में प्रवचन के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि दुनियां से आपके जाने के बाद सब बदल जाता है। आपके मकान के बाहर की नेम प्लेट तक बदल जाती है लेकिन अगर आपने कहीं दान दिया है वहां अगर आपकी नेम प्लेट लगी है तो आपके जाने के बाद भी वो प्लेट लगी रहती है, वरन् जब तक संस्थान जिंदा है तब तक आपका नाम लगा रहता है। आचार्यश्री ने कहा कि बेटे को जो करोड़ों रुपए दिए हैं, वह आपका नाम नहीं चलाता, नाम तो जो समाज को दान दिया है, वही चलाते हैं। अतः पैसों का सदुपयोग कीजिए। तन, मन, धन तीनों का सदुपयोग करना सीखें। तन को कितना भी सजा लो, उसका स्वभाव सड़ना, गलना खत्म होना है तो वो होगा। तन का सदुपयोग करना सीखिए।
उन्होंने बताया कि एक बार पहलवान गामा बनारस पहुँचे। मदनमोहन मालवीय ने हिन्दू विश्वविद्यालय में पहलवान गामा का सम्मान समारोह रखा। उसमें विश्वविद्यालय के सभी छात्रगण उपस्थित थे। मदनमोहन मालवीय ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा प्यारे विद्यार्थियों,तुम्हें भी गामा पहलवान की तरह बहादुर और बलवान बनना है।
मदन मोहनमालवीय का भाषण चल ही रहा था कि बीच में ही गामा पहलवान ने कहा विद्यार्थियों मेरी तरह तुम्हें गामा नहीं बनना है,क्योंकि गामा दूसरों को पछाड़ना जानता है। मैं कहता हूँ तुम्हें मदन मोहन मालवीय बनना है, जो दूसरों को उठाते हैं। पछाड़ने का काम बहादुरी का नहीं है, उठाने का काम है बहादुरी का। इसलिए तुम सभी मालवीय बनो। विध्वंस नहीं, निर्माण करना सीखो। 9 जुलाई का प्रवचन लवली स्टेट रूप सागर रोड पर स्थित अरिहंत भवन में प्रातः 8ः30 बजे से होगा।

By Udaipurviews

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