जनजाति समुदाय में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करने वाले लोगों को सम्मानित करेगी राज्य सरकार

23 सितंबर तक आवेदन/प्रविष्टियां आमंत्रित
उदयपुर,18 सितंबर। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की मंशानुरूप एवं टीएडी मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी के निर्देशानुसार जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा जनजाति समुदाय के लोगों की बहुमुखी भूमिका को प्रोत्साहित कर समाज में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करने की दृष्टि से आदि गौरव सम्मान प्रारंभ किया गया है जिसके तहत अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा। इस हेतु 23 सितंबर सांय 6 बजे तक पात्र तथा योग्य व्यक्तियों एवं संस्थाओं द्वारा आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
तीन श्रेणियों में मिलेगा सम्मान
टीएडी आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी ने बताया कि विभाग द्वारा उक्त सम्मान तीन श्रेणियों में दिया जाना प्रस्तावित है जिसके तहत पहली श्रेणी आदि रत्न गौरव सम्मान खेल, शिक्षा, साहित्य एवं संस्कृति तथा विज्ञान,तकनीकी, आजीविका आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को प्रदान किया जाएगा।
वहीं दूसरी श्रेणी के तहत आदि सेवा गौरव सम्मान अनुसूचित जनजातियों के लिए व्यक्ति, पंचायती राज संस्थाओं, गैर सरकारी स्वैच्छिक  संगठनों तथा समुदाय आधारित समूह/संगठनों द्वारा प्रदान की गई अनुकरणीय सामुदायिक सेवा हेतु प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार तीसरी श्रेणी आदि ग्रामोत्थान गौरव सम्मान अनुसूचित जनजातियों की सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में महत्वपूर्ण योगदान करने वाली ग्राम पंचायत, पंचायत समिति तथा जिला परिषद को उक्त सम्मान प्रदान किया जाएगा।
जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी आवेदनों की स्क्रीनिंग
तीनों श्रेणियों के नामांकन अथवा आवेदन जिला कलेक्टर के समक्ष पेश होंगे। प्रस्तुत आवेदनों को जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा स्क्रीनिंग की जाएगी। समिति द्वारा प्राप्त नामांकनों को विभिन्न पहलुओं पर जांच उपरांत विशिष्ट मापदंडों के अनुसार मूल्यांकन किया जाकर सम्मान हेतु चयनित आवेदनों की अनुशंसा जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग को प्रेषित की जाएगी। जिला स्तर पर गठित कमेटी में जिला परिषद सीईओ, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग उपायुक्त, जिला मुख्यालय के राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य, जिला खेल अधिकारी एवं जिला पुलिस अधीक्षक का प्रतिनिधि बतौर सदस्य शामिल रहेंगे।

राजकीय महाविद्यालय मावली मे दिवेर विजय दिवस मनाया
उदयपुर, 18 सितंबर। राजकीय महाविद्यालय मावली में दिवेर विजय दिवस का आयोजन किया गया। महाविद्यालय प्राचार्य श्रीमती भारती चौहान ने महाराणा प्रताप की ताम्र प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम को विधिवत प्रारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ. पीनल जैन ने महाराणा प्रताप के जीवन संघर्ष को रेखांकित किया। डॉ. जैन ने महाराणा प्रताप के जीवन से संबंधित पाथल और पीथल कविता का वचन कर महाराणा प्रताप के संघर्ष को व्याख्यायित किया। उसके बाद उन्होंने हल्दीघाटी संघर्ष के बारे में बच्चों को परिचित कराया तथा दिवेर युद्ध के बारे में विस्तार से परिचय देते हुए उन्होंने बताया कि महाराणा प्रताप को हम एक कम साहसी योद्धा के रूप में वर्णित पाते हैं, जबकि महाराणा प्रताप स्वतंत्रता के संघर्ष में न केवल सबसे बड़े योद्धा थे बल्कि सबसे बड़े विजेता भी थे। उन्होंने स्थापित किया कि महाराणा प्रताप यदि पराजित योद्धा होते, जैसा कि कई इतिहासकार लिखते हैं तो अकबर की सेना को लंबे समय तक यहां पड़ाव डालकर नहीं रहना पड़ता और महाराणा प्रताप स्वतंत्रता से अपना सिर ऊंचा किए हुए मेवाड़ की धरती पर विचरण नहीं कर पाते। विषय-प्रवर्तन राजनीति विज्ञान के सहायक आचार्य नवीन कुमार ने किया। कार्यक्रम का संचालन हिंदी के सहायक आचार्य डॉ महेश चंद्र तिवारी ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया।
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By Udaipurviews

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