फतहनगरl चुंडावतखेड़ी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन शुक्रवार को मीराँ बाई के भक्ति मय जीवन एवं डाकोर के रणछोड़ नाथ का गुणगान करते हुए कथा प्रवक्ता लाल गोविंद प्रभु ने कहा कि युवाकाल से ही समय निकाल कर संतों के दर्शन एवं तीर्थयात्रा अवश्य करते रहना चाहिए। जिस तरह से हवा और सभी तरंगे वातावरण में है लेकिन उसको पाने देखने के लिए उचित उपकरण आवश्यक है उसी तरह सर्वव्यापक ईश्वर को संतों और तीर्थों के साथ से ही पाया जा सकते हैं।जीवन में कृष्ण की गीता के महत्व को बताते हुए कहा कि गीता ग्रंथ नहीं माँ की गोद है।भगवान का नाम प्रभु की प्राप्ति कराते हुए समस्त पापों से मुक्त कर देता है।संतो का हृदय नवनीत के समान कोमल होता है। आज अजामिल के भावविभोर करने वाले प्रसंगों के साथ कथा को विश्राम दिया गया।
आज कथा आयोजन में सूरजकुंड कुंभलगढ़ के सन्त श्री 1008 श्री अवधेशानंद, अखाड़ा मंदिर फतहनगर के महंत 108 श्री शिवशंकर दास, अखाड़ा मंदिर मंडल अध्यक्ष कैलाश अग्रवाल, कैलाश खंडेलवाल, मनीष पालीवाल, जीतसिंह चुंडावत पूर्व प्रधान , नीतिन सेठिया उपाध्यक्ष नगरपालिका फतहनगर सनवाड़ एवं अतिथियों का आयोजक परिवार द्वारा स्वागत एवं सम्मान किया गया।
महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया एवं सभी ने महाप्रसादी में भोजन प्रसाद ग्रहण किया।