40 साल से आंदोलनरत वकील अब उतरेंगे सड़कों पर, आदिवासियों को लेंगे साथ

हाईकोर्ट बैंच के लिए उदयपुर के वकील मिलेंगे राष्ट्रपति मुर्मू से
उदयपुर। आदिवासी अंचल में पिछले चार दशक से चली आ रही हाईकोर्ट की बैंच की मांग अब राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के समक्ष उठाई जाएगी। इसके लिए अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलेगा। उनसे आग्रह किया जाएगा कि वह उनकी मांग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाए ताकि उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच की स्थापना कराई जा सके। बार एसोसिएशन अध्यक्ष भरत जोशी ने कहा कि अब तक इस आंदोलन के लिए वार्ता का रास्ता ही अपनाया गया। अब आदिवासियों को जोड़ते हुए उग्र आंदोलन किया जाएगा।
बार कौंसिल आॅफ राजस्थान के पूर्व को—चेयरमैन एवं वरिष्ठ अधिवक्ता रतन सिंह राव ने बताया कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का आगामी 14 फरवरी को आदिवासियों के तीर्थ बेणेश्वर धाम का दौरा प्रस्तावित है। द्रोपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। ऐसे में वह आदिवासी क्षेत्र की समस्याओं से भली—भांति परिचित हैं। आदिवासियों को त्वरित न्याय मिले, इसके लिए जरूरी है उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच की स्थापना। जिसके लिए उदयपुर के वकील तथा जनता पिछले चार दशक से आंदोलन कर रही है। उदयपुर जिला कोर्ट में हर महीने की सात तारीख को वकील न्यायिक कार्य का बहिष्कार जारी रखे हुए हैं। 7 फरवरी को भी स्थानीय वकीलों ने काम—काज नहीं किया। अधिवक्ता रतनसिंह राव ने भरोसा जताया कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मुलाकात के बाद केन्द्र सरकार भी उनकी मांग पर गौर करेगी और राज्य सरकार की ओर से इस मांग पर एक्शन लिया जाएगा।
उग्र आंदोलन की तैयारी
उदयपुर बार एसोसिएशन तथा मेवाड़—वागड हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति के बैनर तले एक बार फिर उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच की मांग को लेकर उग्र आंदेालन की तैयारी की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा ने डबल इंजन की सरकार का हवाला देकर वोट मांगे थे और अब डबल इंजन की सरकार बन चुकी है। ऐसे में उनकी मांग को मुख्यमंत्री भजनलाल के समक्ष पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा।
न्यायिक कार्य का किया बहिष्कार
उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच की मांग को लेकर बुधवर को उदयपुर के वकीलों ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया। कोर्ट परिसर में राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया।

By Udaipurviews

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