जमीन के मालिक की जगह दूसरे व्यक्ति को खड़ा कर रजिस्ट्री करा जमीन हड़पी

उदयपुर। धोलीमगरी बेड़वास निवासी पुष्करलाल पिता देवीलाल दायमा की कृषि भुमि मौजा मेडता, पटवार हल्का मेड़ता, खाता संख्या 274/256 खसरा नम्बर 1803, 1804, 1805 1806 1807 1808 कुल किता 06 कुल रकबा 1.3192 हैक्टेयर भूमि मेरे नाम राजस्व रेकर्ड में अंकित जमाबन्दी जमीन का अभियुक्त ने फर्जी व्यक्ति खड़ाकर उक्त जमीन की मावली में रजिस्ट्री करा कर जमीन अपने नाम करा ली।
पुष्करलाल ने बताया कि इस जमीन पर आज भी मेरा कब्जा है। इस जमीन को न तो मैनें किसी को बेची और न ही किसी व्यक्ति के पक्ष में पंजीयन कार्यालय जा कर उसके पक्ष में विक्रय पत्र लिखा। इसकी विगत 1 अक्टूबर को पुलिस थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करायी। उन्होंने बताया कि जब मैनें नामान्तरण की नकल ली तो उक्त जमीन मेरे बजाय नामान्तरण विक्रय से सलूम्बर के चोखवाडा गोराणा गांव निवासी विजयकुमार पिता देवीलाल मेघवाल के नाम के नाम नामान्तरण संख्या 2198 पर 11सितम्बर को दर्ज हो गई।
पुष्करलाल दायमा ने बताया कि विजयकुमार मेघवाल पिता देवीलाल मेघवाल को मैने आज तक किसी प्रकार से उपरोक्त जमीन को कभी नहीं बेचा है उसके बावजुद भी अभियुक्त ने मेरे स्थान पर दूसरा व्यक्ति खड़ा कर मेरी जमीन मावली रजिस्ट्रार ऑफिस में विगत 10 जून को अपने पक्ष में रजिस्ट्री करवा दी व नामान्तरण भी खुलवा दिया। उक्त कार्य में गवाह के रूप में विजय मेघवाल पिता कैलाशचन्द्र मेघवाल निवासी मेड़ता एवं भेरूलाल पिता कीका मीणा निवासी देवलिया जिला उदयपुर के गवाह के रूप में हस्ताक्षर कर उक्त फर्जी विक्रय पत्र निष्पादित करवाया जिसमें मुझ प्रार्थी का कोई लेना देना नहीं हैं। उपरोक्त प्रकरण में मैने न तो स्टाम्प खरीदा और न ही रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर रजिस्ट्री करवाई गई।
उन्होंने बताया कि मैने मेड़ता स्थित एक मकान का सौदा कानपुर निवासी श्ंाकरलाल डांगी के साथ किया जिसका उसने मावली में 3 जून को एग्रीमेन्ट बनाया और उसके साथ विजय कुमार भी मौजूद था। विजयकुमार ने उस सौदे में मेरे द्वारा खरीदे गये स्टाम्प एवं उसके साथ लगे आधार कार्ड की कॉपी का नाजायज फायदा उठाकर फर्जी तरीके से 7 दिन बाद ही उसनें 10 जून को मेरे खातेदारी जमीन की रजिस्ट्री करा जमीन अपने नाम करवा दी। इस विक्रय पत्र 10 जून को जो फर्जी वाडा हुआ हैं उसमें लिप्त सभी अभियुक्तों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करने की मांग की। इस आश्य का एक पत्र पुष्करलाल ने पुलिस अधीक्षक को भी दिया।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!