राणा की जय-जय, शिवा की जय-जय से गूंज उठा शहर

हल्दीघाटी सार्द्ध चतुः शती समारोह
-हल्दीघाटी विजय सन्देश यात्रा का जगह-जगह स्वागत
-अम्बेरी में शहर प्रवेश पर भव्य स्वागत
-जगदीश चौक में हुई आरती

उदयपुर, 18 जून। हल्दीघाटी की पुण्य धरा पर वेदमन्त्रों के साथ राष्ट्र स्वाभिमान जागरण का संकल्प लेने के बाद निकली विजय सन्देश यात्रा ने मानो समूचे जनमानस को उत्साह से भर दिया। जगह-जगह स्वागत के दौरान वातावरण राणा की जय-जय, शिवा की जय-जय के जयकारों से गूंज उठा। यात्रा आगे बढ़ती गई और स्वागत के बाद जनता यात्रा से जुड़ती गई।

भारत माता की जय और वंदे मातरम के गगन भेदी जयकारों के साथ हल्दीघाटी से अतिथियों ने केसरिया पताका दिखाकर विजय सन्देश यात्रा को रवाना किया।

हल्दीघाटी विजय संदेश यात्रा में मेवाड़ के आराध्य भगवान एकलिंगनाथ की झांकी, महाराणा प्रताप की प्रतिमा, हल्दीघाटी की माटी और विजय ध्वज शामिल रहे। महाराणा प्रताप की प्रतिमा से सजी धजी गाड़ी जिस भी पड़ाव पर पहुंची, वहां के नागरिक पुष्प अर्पित करने को आतुर खड़े थे। कहीं आरती की गई तो कहीं पुष्प वर्षा की गई। किसी ने नमन किया तो किसी ने माल्यार्पण किया। विभिन्न समाज-संगठनों सहित विजय सन्देश यात्रा के स्वागत में महिलाएं और बच्चे भी बड़ी संख्या में शामिल थे।

हल्दीघाटी से शुरू होकर यात्रा बलीचा, लोसिंग, कड़िया, ईसवाल होते हुए अम्बेरी पहुंची।

अम्बेरी से उदयपुर शहर प्रवेश पर शहर के गणमान्यों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद भुवाणा, भुवाणा गवरी चौक, आर के सर्कल, पुलां, फतहपुरा चौराहा, सुखाड़िया सर्कल, मीरा गर्ल्स कॉलेज, कोर्ट चौराहा, शास्त्री सर्कल, टीआरआई सर्कल, एमबी कॉलेज, बीएन संस्थान, सेवाश्रम, जेएमबी रेस्टोरेंट, हंसा पैलेस, नेशनल मिष्ठान्न भंडार, नारायण सेवा संस्थान, मेनारिया गेस्ट हाउस होते हुए हिन्दू राष्ट्र चौराहा पहुंची।

यहां से यात्रा माली कॉलोनी,  तिलक कॉलोनी, आरसीए, भूपालपुरा, उदयापोल होते हुए जगदीश चौक पहुंची। जगदीश चौक में आतिशबाजी के साथ स्वागत हुआ और भगवान एकलिंगनाथ की आरती की गई। यहां से यात्रा हाथीपोल, चेतक सर्कल, यूआईटी, फील्ड क्लब, देवाली से होती हुई प्रताप गौरव केंद्र राष्ट्रीय तीर्थ पर पहुंची। वहां पहुंचने के बाद हल्दीघाटी की माटी के कलश और ध्वज को प्रताप गौरव केन्द्र परिसर में स्थापित किया गया।

हल्दीघाटी विजय दिवस पर सांसद ने किया जनजागरण का आह्वान

-इससे पूर्व, राष्ट्रशक्ति, संस्कृति और स्वाभिमान के प्रतीक हल्दीघाटी विजय सार्द्ध चतुः शती समारोह के शुभारंभ पर आयोजित यज्ञोपश्चात संक्षिप्त सभा का आयोजन खेड़ा देवी मंदिर परिसर में हुआ। सभा को सम्बोधित करते हुए उदयपुर सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने कहा कि महाराणा प्रताप केवल इतिहास नहीं, वे भारत की आत्मा हैं। आज आवश्यकता है कि एकात्मकवाद का भाव जन-जन तक पहुंचे। उन्होंने प्रताप गौरव केन्द्र द्वारा महाराणा प्रताप के विचारों के प्रचार-प्रसार के कार्य को सराहते हुए इसे यशस्वी राष्ट्रधर्म बताया।

सभा में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा, प्रताप गौरव केंद्र के निदेशक अनुराग सक्सेना, कार्यक्रम संयोजक सीए महावीर चपलोत आदि ने भी विचार व्यक्त किए।

बारिश के बावजूद उपस्थित श्रद्धालुजनों का अभिनंदन करते हुए वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के कार्यकारी सदस्य चन्द्रगुप्त सिंह चौहान ने कहा कि इस वर्षा में भी आपका साथ विजय दिवस के प्रति आपकी निष्ठा को दर्शाता है, इसके लिए आप सभी का आभार। यह दिन हमारे लिए गौरव का दिन है।

इस अवसर पर मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के अशोक मेतवाला, वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के उपाध्यक्ष सुभाष भार्गव, सदस्य डॉ. गायत्री स्वर्णकार, जयदीप आमेटा, प्रो. मदन सिंह राठौड़, मनोज जोशी, रामसिंह भाटी, डॉ. विवेक भटनागर, भाजपा शहर जिलाध्यक्ष गजपाल सिंह राठौड़, देहात जिलाध्यक्ष पुष्कर तेली आदि उपस्थित थे।

प्रथम सोपान के तहत 25 तक चलेंगी 2 कार्यशालाएं

-हल्दीघाटी विजय सार्द्ध चतुः शती समारोह के प्रथम सोपान के तहत 25 जून तक चित्रकला व प्राचीन लिपि पठन कार्यशालाएं चलेंगी। इसी तरह, 25 जून तक प्रताप गौरव केंद्र के दर्शन व सायंकाल होने वाले वाटर लेजर शो मेवाड़ की शौर्य गाथा का शुल्क 50 रुपये रहेगा।

By Udaipurviews

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