विद्या भवन में आयोजित हुई टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑथोरिटी की आउटरीच कार्यशाला 

वरिष्ठ अधिकारियों ने किया युवाओं से संवाद 
उदयपुर, 15 नवंबर ,  भारत सरकार की टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑथोरिटी ने  अपनी वेबसाइट पर यह सुविधा दे रखी है कि किस टेलीकॉम ऑपरेटर के सिग्नल किस क्षेत्र में कितने  है। इसके आधार पर नागरिक मोबाइल कनेक्शन  कंपनी का चयन   कर सकते है। साइबर फ्रॉड , डिजिटल धोखाधड़ी , अभद्र वीडियो कॉल इत्यादि से बचने के लिए ट्राई के डी एन डी तथा संचार साथी एप उपलब्ध है।  धोखाधड़ी होने पर तुरंत कार्यवाही के भी मजबूत  प्रावधान है। ऐसी ही कई महत्वपूर्ण जानकारियां  ट्राई के राजस्थान जोन के वरिष्ठतम अधिकारियों ने युवाओं के साथ साझा की।   टेलीकॉम तथा साइबर सुरक्षा  की तकनीकी तथा इन क्षेत्रों  में  कैरियर पर भी मार्गदर्शन किया गया।
विद्या भवन पॉलिटेक्निक के आई एस टी ई व  आई ई आई स्टूडेंट चेप्टर  तथा ट्राई के संयुक्त साझे में शनिवार को विद्या भवन ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यशाला में  मुख्य अतिथि ट्राई राजस्थान के सलाहकार, वरिष्ठ  आई टी एस अधिकारी राजेश अग्रवाल  ने  कहा कि मोबाइल, इंटरनेट इत्यादि हमारे  व्यक्तिगत, व्यावसायिक जीवन की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। भारत सरकार की रेगुलेटरी ऑथोरिटी के नाते ट्राई महत्वपूर्ण तकनीकी जानकारियों को युवा वर्ग तक पहुंचा रहा है।  उन्होंने कहा कि जहां सावधानी आवश्यक है, वहीं कोई परेशानी में फंस जाने पर   घबराना नहीं चाहिए तथा।   ट्राई की मदद लेनी चाहिए।
ट्राई के संयुक्त सलाहकार  जे पी गर्ग ने कहा कि   ऐसे कोई सबूत नहीं है कि मोबाइल टावर से ऐसे रेडिएशन निकलते है जिनसे स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है। यह डर बेबुनियाद है । तरंग संचार पोर्टल पर  हर क्षेत्र के  मोबाइल टावर  की पॉवर की रिपोर्ट उपलब्ध है । फिर भी यदि किसी को लगता हैं कि उनके आसपास का टॉवर की तरंगों की जांच करवानी है तो वह एक निश्चित शुल्क देकर उस टावर की  जांच करवा सकता है।
 वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी संजीव मीणा ने बताया कि अनचाहे कॉल एवं एसएमएस से सुरक्षित रखने के लिए  ट्राई द्वारा विकसित  डी एन डी 3.0 ऐप बहुत उपयोगी है।
संदिग्ध या संभावित साइबर धोखाधड़ी वाली कॉल/एसएमएस प्राप्त होने पर उपभोक्ता ‘संचार साथी  पोर्टल/ऐप के माध्यम से नंबर की जांच एवं आवश्यक कार्रवाई कर सकते हैं। संचार साथी ऐप उपभोक्ताओं को अपने खोए/चोरी हुए मोबाइल फोन की शिकायत दर्ज करने तथा अपने नाम पर जारी  मोबाइल  कनेक्शन  की जानकारी प्राप्त  करने की सुविधा भी प्रदान करता है। साइबर धोखाधड़ी होने  पर  तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर कॉल कर या  सरकार की साइबर क्राइम cybercrime.gov.in वेबसाइट पर जाकर शिकायत दर्ज की जानी चाहिए।
युवा साइबर सिक्यूरिटी एक्सपर्ट चिराग पालीवाल ने बताया कि फेसबुक इत्यादि सोशल मीडिया पर अपनी हर निजी जानकारी, फोटो, आवागमन इत्यादि के पोस्ट करने से साइबर अपराधियों की राह आसान हो रही है। वहीं  विभिन्न प्लेटफॉर्म, ऍप  के लिए एक ही  पासवर्ड रखना भी ठीक नहीं है। एप डाउनलोड के दौरान हम कई  परमिशन पर टिक कर देते है, उससे भी संकट हो सकता है।
प्रारंभ में प्राचार्य डॉ अनिल मेहता ने ट्राई के अधिकारियों का  स्वागत किया। समन्वयन अमित कुशवाहा ने किया । उदयपुर में कार्यरत सभी मोबाइल ऑपरेटर कंपनियां भी उपस्थित रही।
By Udaipurviews

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