कलक्टर ने ली एसडीओ-तहसीलदारों की मैराथन मीटिंग
बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ने की हिदायत
उदयपुर, 26 जुलाई। जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल ने कहा कि उपखंड एवं ब्लॉक स्तर पर उपखण्ड अधिकारी व तहसीलदार सरकार और प्रशासन का चेहरा होते हैं। इसलिए उनकी जिम्मेदारी भी अधिक है। अधिकारी जनहित और कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों में पूर्ण गंभीरता और संवेदनशीलता बरतें। इसमें किसी भी तरह की कौताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिला कलक्टर पोसवाल बुधवार को कलेक्ट्रेट कांफ्रेंस हॉल में जिले के सभी उपखंड अधिकारियों और तहसीलदारों की बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपनी टीम के साथ अच्छा समन्वय रखें। ग्राउण्ड लेवल तक नेटवक्र बना कर रखें, ताकि हर छोटी-मोटी घटना की सूचना समय पर मिले।
क्विक रेस्पोंस से आधी समस्या का होता समाधान :
कलक्टर ने कहा कि किसी भी तरह की घटना होने पर उपखंड अधिकारी, तहसीलदार स्तर के अधिकारी स्वयं त्वरित रूप से मौके पर पहुंचे। त्वरित रेस्पोंस से आधी समस्याओं का निस्तारण हो जाता है, वहीं लोगों में असंतोष भी नहीं पनपता। उन्होंने कहा कि कई बार एक मामूली घटना भी त्वरित रेस्पोंस के अभाव में बड़ी घटना का कारण बन जाती है और मूल घटनाक्रम तो दरकिनार हो जाता है और रेस्पोंस में देरी मुख्य इशू बन जाता है। इसलिए यह जरूरी है कि अधिकारी हर गतिविधि के प्रति अलर्ट रहें तथा जिला स्तर पर भी त्वरित सूचना देवें। उन्होंने आगामी मोहर्रम पर्व को लेकर सभी अधिकारियों को रूट मार्च करने व्यवस्थाओं को चाकचौबंद रखने की हिदायत दी। साथ ही आगामी अन्य त्यौहारों पर भी कानून एवं शांति व्यवस्था के लिए आवश्यक बंदोबस्त पूर्व में ही सुनिश्चित करने को कहा।
मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग में लापरवाही न बरतें :
जिला कलक्टर ने राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं सहित अन्य प्राथमिकता वाले कार्यों की लगातार मोनिटरिंग करने तथा समय पर अपेक्षित प्लेटफार्म पर रिपोर्टिंग करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मॉनिटरिंग और रिर्पोर्टंग दोनों में लापरवाही न बरती जावें।
उन्होंने आगामी राजीव गांधी ग्रामीण व शहरी ओलम्पिक की तैयारियों की भी समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। वहीं अगले माह से शुरू होने वाली इंदिरा गांधी स्मार्ट फोन योजना तथा अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना को लेकर भी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए।
जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलोनी खेमका ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रिटर्निंग अधिकारियों और सहायक रिटर्निंग अधिकारियों को अपेक्षित सूचनाएं समय पर भेजने के निर्देश दिए। साथ ही मतदाता जागरूकता गतिविधियों को लेकर भी निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों से अवगत कराया।
जनसमस्याओं के प्रति रहे संवेदनशील
बैठक में जिला कलक्टर ने सभी अधिकारियों को आमजन से आत्मीयता से मिलने तथा उनकी समस्याओं को सुनकर यथासंभव राहत दिलाने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि कई बार कुछ समस्याओं का मौके पर निस्तारण नहीं हो पाता, लेकिन परिवादी को संतोषप्रद जवाब जरूर मिलना चाहिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को बिना सूचना अथवा अनुमति के किसी भी हालत में मुख्यालय नहीं छोड़ने की भी हिदायत दी।
पीपीटी से जानी जिले की स्थिति :
बैठक में सभी उपखण्ड अधिकारियों ने संबंधित उपखण्ड क्षेत्रों की भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक गतिविधियों, सांस्कृतिक विशेषताओं, प्रगतिरत विकास परियोजनाओं, कानून व्यवस्था से जुड़े मसलों, लंबित समस्याओं आदि की पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। जिला कलक्टर ने लंबित समस्याओं पर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर ओपी बुनकर, एसडीएम गिर्वा प्रतिभा वर्मा, एसडीएम लसाडिया कपिल कोठारी, एसडीएम खेरवाड़ा राकेश न्योल, एसडीएम झाडोल मणिलाल तिरगर, एसडीएम गोगुन्दा हनुमान सिंह, एसडीएम नयागांव विजेंद्र पण्ड्या, एसडीएम ऋषभदेव श्रवणसिंह राठौड़, एसडीएम भीण्डर मोनिका जाखड़, एसडीएम बड़गांव रमेशचंद्र बहेड़िया, सराड़ा एसडीएम मनीषाकुमारी मीना सहित सभी तहसीलदार उपस्थित रहे।
जनहित और कानून व्यवस्था से जुडे़ मामलों में बरतें पूरी गंभीरताः जिला कलक्टर
