सुकनमुनि मुनि महाराज ने किया केश लोचन

आज होगा दया व्रत कार्यक्रम
सोशल मीडिया के जरिए नौजवानों के दिमाग में भ्रमजाल फैलाया जाता है जिससे वह समय से पहले ही अपने ब्रह्मचर्य को नष्ट करने पर उतारू हो जातंेःसुकनमुनि
उदयपुर। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रमण संघ की ओर से सिंधी बाजार स्थित पंचायती नोहरे में श्रमण संघीय प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज के सानिध्य में पर्यूषण महापर्व का छठा दिन ब्रह्मचर्य दिवस के रूप में मनाया।
महामंत्री एडवोकेट रोशन लाल जैन ने बताया कि पर्यूषण महापर्व के छठे दिन भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पंचायती नोहरे में पहुंचे और प्रवर्तक सुकन मुनि महाराज से आशीर्वाद लिया। पर्यूषण महापर्व के तहत श्रद्धालुओ में लगातार धर्म आराधना चल रही है। जैन ने सभी श्रावकों को ज्यादा से ज्यादा धर्म लाभ लेने का आह्वान करते हुए आगामी दिनों में होने वाले कार्यक्रमों और व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सोमवार को दया व्रत कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा,जिसमें पंाच-पंाच सामयिक की जायेगी।
धर्मसभा में श्रमण संघ एवं श्राविका संघ के पदाधिकारियों एवं श्रावकों ने सालभर में मन वचन कर्म से हुई किसी भी भूल-चूक एवं गलती के लिए खामतखामणा एवं मिच्छामी दुक्कडम बोलकर क्षमा याचना की।
धर्म सभा में सुकन मुनि महाराज ने अपना कैश लोचन भी किया। केशलोचन को जीव दया के रूप में मनाया गया। इस दौरान जीव दया के लिए श्रावकों की ओर से एक लाख रुपए से ज्यादा का दान एकत्रित हुआ।
पर्युषण महापर्व के छठे दिन ब्रह्मचर्य दिवस पर अपने मंगल प्रवचन में सुकुन मुनि महाराज ने श्रावकों को उपदेश देते हुए कहा कि ब्रह्मचर्य मनुष्य के जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। ब्रह्मचर्य का पालन करने से शरीर की रक्षा होती है। जो इसका पालन नहीं करते है वो अपने जीवन में कई तरह के रोग, बीमारियों के साथ ही कमजोरी को धारण कर लेते है। ब्रह्मचर्य शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ावा देता है। जो ब्रह्मचर्य से दूर रहते हैं या इसका पालन नहीं करते हैं वह शीघ्र ही मृत्यु को प्राप्त हो सकते हैं। ब्रह्मचर्य रहित लोग जो भोग ही करते रहते हैं कुछ समय बाद  भोग स्वयं उन्हें भोगने लग जाता है। दुनिया में ऐसे कई संत महात्मा और महान लोग हुए हैं जिन्होंने जीवन पर्यंत ब्रह्मचर्य का पालन किया। वह आजीवन निरोगी रहे और लंबी आयु को भी उन्होंने प्राप्त किया।
मुनीश्री ने कहा कि आज के दौर में सोशल मीडिया ऐसा माध्यम है जिसके जरिए नौजवानों के दिमाग में ऐसा भ्रमजाल फैल जाता है जिससे वह समय से पहले ही अपने ब्रह्मचर्य को नष्ट करने पर उतारू हो जाते हैं। अगर हमें अपने देश समाज और परिवार को स्वस्थ और सुंदर बनाना है तो हमें अपने जीवन में ब्रह्मचर्य को सर्वाेच्च स्थान देना पड़ेगा। अपना ब्रह्मचर्य सुरक्षित रखने के लिए श्रावकों को धर्म संघ का सहारा लेना चाहिए, उन्हें धर्म ध्यान के साथ ही सतगुरु का सानिध्य प्राप्त करना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करने से जीवन कल्याणकारी और सुखमयी बनता है। मुनी श्री ने कहा कि वे लोग महान बनते हैं जो आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं।
धर्मसभा में मुनिश्री ने श्रावको से कहा कि ब्रह्मचर्य का पालन करना बहुत ही कठिन कार्य है। किसी भी कार्य के लिए कहने  में और करने में बहुत ही फर्क होता है। आज के दिन सभी को यह नियम लेना होगा की महीने में एक बार या 15 दिन में एक बार नहीं तो सप्ताह में एक बार में ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करूंगा। अगर यह भी नहीं हो सके तो कम से कम जो महापर्व पर्यूषण चल रहे हैं उनके आठ दिनों में श्रावकों को यह संकल्प लेना चाहिए कि कम से कम 8 दिन तक तो मैं ब्रह्मचर्य का पालन करूंगा। अगर आपको जीवन सुखी और निरोगी बनाना है, जीवन को सफल बनाना है तो ब्रह्मचर्य को धरण करना ही पड़ेगा।

 14 स्वप्न महोत्सव को उत्साहपूर्वक मनाया
उदयपुर। श्री जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक जिनालय समिति हिरणमगरी से. 4 में आचार्य निपुणरत्न सुरीश्वर महाराज की निश्रा में 14 स्वप्न महोत्सव को उत्साहपूर्वक मनाया गया।
समिति अध्यक्ष सुशील बांठिया ने बताया कि सभी धर्म प्रेमी भाई बहिनों ने उत्साह के साथ 14 स्वप्नों एवं पालना जी की बोली लगायी। महोत्सव के बाद शांतिनाथ युवा मण्डल हिरणमगरी से. 4 की ओर से स्वामीवात्सल्य का आयोजन किया गया। प्रतिदिन रात्रि भक्ति का आयोजन किया जा रहा है।

By Udaipurviews

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