सामायिक एवं एकासन व्रत की आराधना में उमड़े श्रावक-श्राविकाएं

रविवारीय पाठशाला में बच्चों ने  सीखा धर्म-ध्यान
उदयपुर, 20 जुलाई। श्री हुक्मगच्छीय साधुमार्गी स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान के तत्वावधान में केशवनगर स्थित नवकार भवन में चातुर्मास कर रही महासती विजयलक्ष्मी जी म.सा. की निश्रा में रविवार को सामायिक आराधना एवं एकासन व्रत का आयोजन किया गया। साथ ही श्राविका संघ द्वारा बच्चों की पाठशाला का आयोजन भी किया गया।
श्रीसंघ अध्यक्ष इंदर सिंह मेहता ने बताया कि रविवार को तीन-तीन एवं पांच-पांच सामायिक के साथ-साथ एकासन व्रत का आयोजन भी रखा गया जिसमें 150 सदस्यों ने भाग लिया। लाभार्थी गुरु भक्त परिवार रहा। भोजन की परोसकारी व्यवस्था में युवा संघ के सदस्यों का सक्रिय सहयोग प्राप्त हुआ। मंत्री पुष्पेन्द्र बड़ाला ने बताया कि आज बच्चों की रविवारीय पाठशाला का दूसरा सत्र संपन्न हुआ जिसमें 55 बच्चों ने भाग लिया। श्रीमती साधना जी कुदाल रेखा जी बड़ाला मधु जी वर्डिया व केसर जी तलेसरा ने चार अलग-अलग कक्षाएं ली व चार विषयों पर ज्ञानार्जन कराया। इससे पूर्व धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए महासती श्री विजयलक्ष्मी जी म.सा. ने कहा कि हमें सबका प्रिय और अपना बनने का प्रयास करना चाहिए। यह तभी संभव है जब हमारा व्यवहार मधुर हो सच में उदारता और सेवा में तत्परता हो। आज के समय में सभी लोग जनप्रिय बनना चाहते हैं। यदि हमारी वाणी और व्यवहार में मधुरता है तो हम निश्चय ही जनप्रिय बन सकते हैं। जनप्रिय बनने के लिए सेवा का भाव रखें। उसे बंधन न माने, दूसरों की भावनाओं का सम्मान करें व सबको सहयोग करें। हृदय में उदारता और व्यवहार में नम्रता रखें। दिखावे से दूर रहकर सच्चे मन से धर्म का पालन करें क्योंकि धर्म दिखाने की नहीं जीवन में उतारने की प्रक्रिया है। महासती श्री सिद्धिश्री जी म.सा. ने कहा कि धर्म का अभ्यास आज से और अभी से करें। आज भी धर्म का वही परिणाम आ सकता है जो चौथे आरे में था।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!