मनुहार पत्रिका का श्रावकों ने किया विमोचन
उदयपुर। ध्यानोदय तीर्थ ट्रस्ट बलीचा द्वारा विगत 23 माह से ध्यनोदय क्षेत्र में आयोजित किये जा रहे शंातिनाथ जिनेन्द्र महाअर्चना की पूर्णाहुति का अयोजन आगामी 11 फरवरी को ध्यानोदय क्षेत्र में ही राष्ट्र संत उपसर्ग विजेता गुरु माँ गणिनि आर्यिका 105श्री सुप्रकाश मति माताजी सहित विभिन्न साधु-सन्तों की मौजूदगी में किया जायेगा।
ट्रस्ट के ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि सुप्रकाशमति माताजी,प्रज्ञामति माताजी, प्रसन्न मति मताजी और मुनि आर्ष कीर्ति महाराज के सानिध्य मे आगामी 10 व 11फरवरी 2023 को गुरु माँ द्वारा स्वरचित प्रथम कोरोना काल की लघु शांति नाथ जिनेन्द्र महा अर्चना की पूर्णाहुति होगी। इस महाअर्चना की शुरूआत 24अप्रैल 2022से प्रत्येक रविवार को अलग अलग परिवार द्वारा इन्द्र बन कर प्रारम्भ हुई। जिसकी पूर्णाहुति ’11 फरवरी 2024 रविवार’ को 108 इन्द्र 108 विधान बिना कोई क्रम तोड़े पूर्ण हो रही है। ऐसी आराधना बिना क्रम तोड़े जैन इतिहास मे आज तक कही नहीं हुई।
इस अवसर पर मुनि श्री दयासागर संत भवन का लोकार्पण एवं मुनि श्री आर्ष कीर्ति की दीक्षा जयंती समारोह भी होगा। गुरु माँ ने कहा कि जब इसकी पूर्ण’ आहुति होंगी तो पूरा उदयपुर शहर धर्म ध्यानमय हो जाएगा क्योंकि एक साथ 108. मंडल 108समान्य इंद्र 9सोधर्म 9 पाण्डुक शिला पर प्रभु पर पंच अमृत से अभिषेक 9 कुबेर इंद्र भगवान पर पुष्प रत्न वृष्टि करगे और 9यज्ञ नायक 108 इंद्र के साथ 117हवन कुंड से विश्व शांति यज्ञ करेंगे।
सम्पूर्ण उदयपुर शहर दिव्य आभा को प्राप्त करेगा। ऐसा महान पूजा का आयोजन सम्पूर्ण जैन इतिहास मे पहली बार हो रहा है। मेरी कामना है की इससे सभी प्राणी सुख समृद्धि धर्म ध्यान शांतिमय जीवन की अभिलाषा को प्राप्त करे। मुख्य संरक्षक ओम गोदावत ने बताया कि पत्रिका पुरे उदयपुर शहर के गण मान्य को प्रदान की जा रही है। महामंत्री पवन जवरिया उदयपुर के आस पास के श्रावको को आमंत्रित कर रहे है। इसके लिये आज मनुहार पत्रिका का विमोचन किया गया।
अध्यक्ष सुमति लाल दुदावत के अनुसार सभी साधु वृंद 5फरवरी 2024तक तीर्थ पर पधार जायेंगे। आज की बैठक मे गुरु माँ विहार समिति के सयोजक के रूप.में कमल कुमार दोशी एवं सह सयोजक प्रकाश अडवासिया, आहार सयोजक मांगीलाल, रुपज्योत एवं आमंत्रन समिती के मुख्य सयोजक लक्ष्मी लाल मालवी को बनाया गया। पत्रिका सम्पादन में अमृतलाल बोहरा एवं अनिल दोशी ने जिम्मेदारी ग्रहण की इस प्रकार कई समिति बनाई गई है। जिससे आयोजन का सम्पूर्ण समाज आनंद ले सकंे।