उदयपुर। सेक्टर 4 श्री संघ में विराजित श्रमण संघीय जैन दिवाकरिया महासाध्वी डॉ. संयमलताम. सा.,डॉ. अमितप्रज्ञाजी म. सा., कमलप्रज्ञा म.सा., सौरभप्रज्ञा म. सा. आदि ठाणा 4 के सानिध्य में धर्म सभा को संबोधित करते हुए साध्वी संयमलता ने कहा ने कहा कि पदार्थ की प्राप्ति के लिए साधन जरूरी है, परमात्मा की प्राप्ति के लिए साधना जरूरी है। सच्चा सुख साधन में नहीं साधना में है।
उन्होंने कहा कि जो अपनी इच्छाओं और कामनाओं पर विजय हासिल करता है वही जगत का सम्राट बनता है। आवश्यकताओं में जिओ लेकिन आकांक्षाओं में नहीं। कार,बस, एरोप्लेन में बैठकर विदेश तक पहुंच सकते हो परंतु परमात्मा तक पहुंचने के लिए अपनी उत्कृष्ट साधना चाहिए। तमाम साधनों के बीच रहकर थोड़ा सा समय साधना के लिए अवश्य निकालें जिससे आपकी आत्मा का सर्वत्र कल्याण होगा।
साध्वी कमलप्रज्ञा ने कहा कि बुढ़ापा हमें घेरे उससे पहले अपने तार परमात्मा से जोड़ दो। तुम्हारे कदम लड़खड़ाए उससे पहले परमात्मा की यात्रा आरंभ कर दो। तुम्हारे बेटे तुम्हें तुम्हारे ही मकान से बाहर निकाले उससे पहले अपने शाश्वत घर की ओर कदम बढ़ा दो। तुम्हारे सारे भौतिक पदार्थ छूटे, उस