ज्योतिषीय मान्यता के चलते मंगल दोष निवारण के लिए आगरा के पंडित की सलाह पर की शादी
-सुभाष शर्मा
उदयपुर। ज्योतिष को लेकर भारत वर्ष में ही नहीं, विदेशी लोगों में भी गहरी आस्था है। तभी रूस की तान्या कारपोवा ने आगरा के पंडित की सलाह पर उदयपुर में खेजड़ी के पेड़ से शादी की रस्म पूरी की। 28 वर्षीया कारपोवा अपनी शादी को लेकर उत्सुक है लेकिन हर बार किसी ना किसी कारणों से उसकी शादी नहीं हो पा रही थी।
कारपोवा की शादी करवाने वाले पंडित हेमंत सुखवाल बताते हैं कि गत 7 दिसम्बर को उन्होंने तान्या की शादी खेजड़ी के पेड़ से करवाई थी। वह यहां चांदपेाल स्थित होटल पैनोरमा होटल में ठहरी थी। तब उन्होंने बताया था कि लग्न कुण्डली में मंगल दोष के चलते उसकी शादी के लिए योग्य लड़का नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में आगरा कि पंडित ने उसे पीपल या खेजड़ी के पेड़ से विवाह की रस्म निभाने की सलाह दी थी। इस पर तान्या की सलाह पर उन्होंने यहां सूरजपोल में फतह स्कूल के सामने खेजड़ी के पेड़ के साथ उसकी विवाह की रस्में पूरी करवाईं। इस रस्म के बाद तान्या खुश है और उदयपुर से देश भ्रमण के लिए निकल चुकी है।
इस मामले में मेवाड़ वागड़ के प्रख्यात पंडित प्रदीप लक्ष्मीनारायण दवे से बात की तो उन्होंने बताया कि किसी लग्न कुण्डली में मंगल दूसरे, चौथे, सातवें आठवें और बारहवें भाग में हो तो मांगलिक कुण्डली, चंद्र कुण्डली में मंगल दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें और 12 वें भाग में होना दोहरा मांगलिक दोष कहा जाता है। इसी तरह शुक्र कुण्डली में भी मंगल दोष होता है। ज्यादातर पंडित यही देखकर मंगल दोष का आंकलन कर लेते हैं लेकिन उसकी प्रतिशतता की जानकारी नहीं रखते। कई पंडित इससे निवारण के लिए टोटका बताते हैं। ऐसा ही टोटका पेड़ों से शादी का है। यह नई बात नहीं है, फिल्म अभिनेत्री ऐश्वर्या राय की भी परिजनों ने अभिषेक बच्चन से शादी से पहले नीम के पेड़ से शादी की रस्म निभाई थी।
उज्जैन में मंगलनाथ मंदिर में होता है मंगल दोष का निवारण
पंडित प्रदीप दवे बताते हैं कि मंगल दोष का निवारण करना है तो उज्जैन में मंगलनाथ मंदिर में पूजा सर्वश्रेष्ठ है। वहीं मंगलनाथ का जन्म हआ था और वहां मंगल दोष का निवारण किया जाता है। पुराणों के अनुसार उज्जैन नगरी को मंगल की जननी कहा जाता है। ऐसे व्यक्ति जिनकी कुंडली में मंगल भारी रहता है, वे अपने अनिष्ट ग्रहों की शांति के लिए यहाँ पूजा-पाठ करवाने आते हैं। यहाँ भारत ही नहीं अपितु विदेशों में रहने वाले लोग भी अपनी कुंडली के मंगल दोष के निवारण के लिए आते हैं।
बांसवाड़ा की त्रिपुर सुंदरी में भी मंगल दोष निवारण की पूजा
बांसवाड़ा स्थित शक्ति पीठ त्रिपुरा सुंदरी जिसे त्रिपुर सुंदरी भी कहा जाता है, वहां मंगल दोष निवारण की पूजा होती है। पंडित प्रदीप दवे बताते हैं कि माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में किसी भी तरह के अमंगल को मंगल में बदलने का सामर्थ्य है।