महिला समाज सोसायटी ने मनाया स्थापना दिवस
उदयपुर, 06 अक्टूबर। चाहे हमें भारत में रहें या अमरीका में रहें, बच्चों को अपनी भाषा व संस्कार की शिक्षा अवश्य प्रदान करनी चाहिए ताकि वे अपनी मातृभूमि की जड़ों से जुड़े रहें।
यह बात अमरीका में लम्बा समय बिताकर यहां लौटे श्याम एस. लोढ़ा ने महिला समाज सोसायटी उदयपुर के स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में कही। समारोह की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने बालपन में ही संस्कारों के निर्माण पर बल दिया और कहा कि माता-पिता का सम्मान व प्रणाम बचपन से ही सिखाए जाएं। संस्कारों के बीजारोपण में माताओं की भूमिका अहम है।
भूपालपुरा स्थित होटल एविन्स में आयोजित समारोह की मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि सोनू सुराणा ने जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई व फीस के लिए सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने माता-पिता घर के भगवान, परिवार एक आदर्श व एकजुट बनें विषय पर वार्ता दी।
सोसायटी की अध्यक्ष माया कुम्भट ने कहा कि पैर थके हैं, न हिम्मत हारी है, जज्बा है महिलाओं को आगे बढ़ाने का, इसलिए संघर्ष की यारी जारी है।
स्थापना दिवस समारोह में प्रतिवर्ष की भांति प्रतिभाओं और समाजसेवा को समर्पित व्यक्तित्वों का सम्मान किया गया।
विशेष रूप से श्रीमती पुष्पा कोठारी का धर्म प्रभावना पर पीएचडी करने पर सम्मान किया गया। इसी क्रम में दो बच्चों की साल भर की फीस भरने में सहयोग करने वाले बच्चों अवनी, क्रीया, उत्कर्ष, हर्षुल, पाखी का सम्मान किया गया। संस्था को आर्थिक सहयोग करने वाले सुषमा मनीष गोयल, रेखा मोगरा, गणपत छाजेड़, कमला, इंद्रा बम्ब का भी अभिनन्दन किया गया।
समारोह में हौम्योपैथी चिकित्सक डॉ. मेधा जैन ने स्वास्थ्य जागरूकता पर वार्ता दी व महिलाओं को परामर्श भी दिया। उनका भी सोसायटी की ओर से अभिनन्दन किया गया।
विशिष्ट अतिथि श्रीमती कमला व मीनाक्षी लोढ़ा ने भी महिला सशक्तीकरण पर विचार रखे। संस्था परिचय सुंदरी छितवानी ने दिया। संचालन शारदा तलेसरा ने तथा धन्यवाद सुशीला सिंघवी ने ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में मीनू कुम्भट, सुशीला भंसाली, सुशीला भण्डारी, रजनी मोटावत, पूर्णकला सुराणा, यशवंत भंसाली, गणपत छाजेड़, पुष्पा कोठारी, सुषमा गोयल, बीना गौड़, निर्मला सहलोत, सुमन दोषी, स्वाति भार्गव, बेला कांरवा, ज्योत्सना मिण्डा, तुषा जैन, उषा व्यास, रेखा मोगरा, उर्वशी कोठारी, ममता कोठारी आदि उपस्थित थीं। महिला समाज की दो सदस्याओं ने संस्कृत व संस्कृति के उत्थान के लिए अनुदान दिया। पर्यावरण संरक्षण के लिए सुंदर तुलसी के पौधों के वितरण किया गया।
बच्चों में संस्कारों के बीजारोपण में माताओं की भूमिका अहम – लोढ़ा
