-भाजपा प्रवक्ता रामलाल शर्मा की उदयपुर में प्रेसवार्ता यदि राइट टू हैल्थ जनहित में है तो कांग्रेस सरकार कठोरता से लागू करे
उदयपुर। भाजपा राजस्थान के मुख्य प्रवक्ता चौमूं विधायक रामलाल शर्मा ने कहा है कि यदि राइट टू हैल्थ बिल पूर्णतः जनता के हित में है तो राज्य की गहलोत सरकार को इसे कठोरता से लागू करना चाहिए, लेकिन यदि किसी कानून को लागू करने के बाद जनता को उसका लाभ ही न मिल सके, उन पैदा होने वाली परिस्थितियों पर भी सरकार को विचार कर लेना चाहिए।
शर्मा ने यह बात शुक्रवार सुबह उदयपुर के पटेल सर्कल स्थित भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता में कही। राइट टू हैल्थ बिल को लेकर निजी अस्पतालों द्वारा आरजीएचएस और चिरंजीवी योजना का बहिष्कार करने पर भाजपा के रुख को लेकर उठे सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर है। जनता परेशान हो रही है। सरकार को शीघ्र इसका समाधान निकालना चाहिए। जनता के स्वास्थ्य को लेकर गंभीरता बरतनी चाहिए। हालांकि, उन्होंने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि सरकार ने निजी अस्पतालों की कुछ मांगों पर सकारात्मकता के संदेश दिए हैं, ऐसे में माना जा सकता है कि यह गतिरोध जल्द दूर हो।
राइट टू हैल्थ बिल पर उनकी राय के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि यदि इस बिल में पूर्ण रूप से जनता का हित है तो सरकार को इसे कठोरता से लागू करना चाहिए। लेकिन, निजी अस्पतालों की आपत्तियां यदि सही हैं और इसके चलते भविष्य में कानून कागजों में ही उलझ कर रह जाए, लागू ही न हो सके, इन परिस्थितियों पर भी विचार अवश्य कर लेना चाहिए।
ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) पर केन्द्र सरकार के रुख के सवाल पर पत्रकारों ने पूछा कि कर्मचारियों की पेंशन बंद की जा रही है तो क्या जनप्रतिनिधि और क्या भाजपा के विधायक-सांसद अपनी पेंशन छोड़ने का ऐलान करेंगे, तब उन्होंने कहा कि यदि संगठन तय कर लेता है कि विधायकों और सांसदों को अपनी पेंशन छोड़नी है, तो वे सहर्ष अपनी पेंशन त्याग देंगे। उन्होंने कहा कि जो भी होगा कर्मचारियों के हित में होगा।
पत्रकारों ने सवाल उठाया कि केन्द्र सरकार ने रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों सहित विभिन्न श्रेणियों में मिलने वाली किराये में रियायत को कोविड में बंद करने के बाद अब तक शुरू करने का विचार नहीं किया है। इस पर प्रवक्ता ने कहा कि इस बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है, वे इस बात की चर्चा रेलमंत्री से करेंगे।
राजस्थान मंे आगामी विधानसभा चुनावों में नेतृत्व के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा का संसदीय बोर्ड जो भी तय करेगा वह सर्वमान्य होगा। उन्होंने दावा किया कि भाजपा में किसी तरह की गुटबाजी नहीं है।
केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह पर सीएम गहलोत के लगातार हमलों पर उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत जब उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता को निकम्मा-नाकारा कह सकते हैं तो वे किसी को भी कुछ भी कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान जनकल्याण पर कम और व्यर्थ की बयानबाजी पर ज्यादा है। राज्य में बढ़ रहे अपराधों पर नकेल कसने में सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है।
शर्मा ने कहा कि उदयपुर में भी अपराधों का ग्राफ बढ़ा है, यहां कन्हैया काण्ड होता है, यहीं पर पेपर लीक की गैंग पकड़ी जाती है, यहीं पर मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं, उदयपुर भी अपराधों में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि करौली की घटना का मुख्य आरोपित सीएलजी की बैठकों में बैठता है, आपत्ति आने के बाद उसे हटाने की सुध आती है। जोधपुर में भी माहौल अशांत होता है, करौली में जुलूस के माथे आरोप मढ़ दिया जाता है, जोधपुर में तो बिना जुलूस के माहौल खराब होता है, इस पर सरकार कुछ नहीं जवाब दे पाती। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार रमजान में निर्बाध बिजली का आदेश निकालती है और नवरात्रि में रामजी की शोभायात्रा पर पाबंदी लगाती है। उन्होंने दावा किया कि राज्य की गहलोत सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। उन्होंने यह भी आशंका जाहिर की कि उज्ज्वला योजना में सिलेंडर 500 रुपये में देने की घोषणा जब धरातल पर आने को होगी तब सरकार पात्रता के लिए ऐसी शर्तें लागू करेंगी कि कई लोग उसके लाभ से वंचित रह जाएंगे।