सार्वजनिक समारोह का हुआ आयोजन
भारतीय विचारों का निचोड़ है एकात्म मानववाद – कटारिया
देश के सर्वांगीण विकास के लिए अंतिम पंक्ति को समृद्ध बनाना होगा – मदन राठौड़
उदयपुर। भारतीय विचारों का निचोड़ है एकात्म मानववाद जिसमें मानव शरीर के समान राष्ट्र देवता का शरीर है जो प्रभाव शरीर पर होता है वैसे ही प्रभाव राष्ट्र पर भी होता है। मानव,समाज और राष्ट्र का अंतरसंबंध इस है कि इसका प्रभाव एकदूसरे पर आता है। पंडित जी की विचारधारा और दर्शन ने पूरे देश को वो प्रकाश प्रदान किया कि व्यवहार में आने पर राष्ट्र सेवा को समर्पित चरित्र का निर्माण होता है। पंडित जी ने वास्तविकता में विचारों को प्रदान करने के साथ उसको स्थापित करने के लिए स्वयं को समर्पित करने का उदाहरण है। ये विचार पंजाब के राज्यपाल महामहिम गुलाब चंद कटारिया ने एकात्म मानव दर्शन के हीरक जयंती समारोह में वर्तमान संदर्भ में एकात्म मानव दर्शन की प्रासंगिकता विषय पर बोलते हुए व्यक्त किये। कटारिया ने बीएन की कर्मभूमि को नमन एवं ठाकुर गुमान सिंह जी को याद करते हुए कहा कि 1964 में हमें शिविर लगाने के लिए कोई जगह उपलब्ध नहीें कराता था तब गुमान सिंह ने हमारे लिए बीएन संस्थान के द्वार खोल दिए। उस समय चार दिन का शिविर दीनदयाल उपाध्याय ने किया और तीन दिन गुमान सिंह जी के घर ठहरे।
स्मारोह से पूर्व कटारिया ने संस्थार परिसर में लगी भूपाल सिंह जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन। एनसीसी केडेट्स द्वारा गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया।
मुख्य वक्ता डॉ. महेश चंद्र शर्मा ने विषय पर बोलते हुए कहा कि एकात्मक मानव दर्शन सनातन के आधारयुक्त वो विचारधारा है जो एक लंबे कालखंड तक प्रासंगिक रहेगा। समग्रता ही मानवता है। मानव सम्पूर्ण है । व्यष्टि,समिष्टि,सृष्टि,परमेष्
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यापीठ के कुलपति कर्नल प्रो एस एस सारंगदेवोत ने कहा कि पंडित दीनदयाल का एकात्म मानव दर्शन संकल्प साधना,के साथ राष्ट्रधर्म विचार परंपरा को पुनर्जीवित कर राष्ट्र को पुनरुद्धार का आह्वान है। पंडित जी का दर्शन भारत की आत्मा से जुड़ी विचारधारा से जुड़ने का प्रयास है । जो जीवंत चेतना,कृतित्व बोध,स्व अस्तित्व, के साथ चिरनिरन्तर संस्कृति की आधुनिक अभिव्यक्ति है। सारंगदेवोत ने युवा पीढ़ी का आह्वान करते हुए की पंडित जी के दर्शन को पुस्तकों से बाहर ला कर जीवन और व्यवहार में लाने का अभ्यास करके अपने राष्ट्र सेवा के मार्ग पर अग्रसित होंगे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने विशिष्ट अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में कहा कि देश के सर्वांगीण विकास के लिए अंतिम पंक्ति को समृद्ध बनानी की योजनाएँ बनानी होगी। इस पर वर्तमान केंद्र सरकार काम कर रही है।राठौड़ ने कहा की पंडित जी ने सिखाया की हमे अपने आचरण और व्यवहार से अपने विरोधियों को समर्थक बनाने के प्रयास करने होंगे ताकि स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सके। राष्ट्रसेवा युक्त व्यक्तित्व का निर्माण किया जा सके।
इनका हुआ सम्मान
पंडित दीन दयाल उपाध्याय के साथ सानिध्य प्राप्त करने वाले जगदीश सोनी, रामपाल सिंह दुनीवाल, श्रीराम शर्मा, ह२ीश शर्मा, प्रो० लोकेश शेखावत, हेमेन्द्र श्रीमाली, शांतिलाल चपलोत, गोपाल कुमावत, त्रटषभ जैन, हिम्मत दुगड, लक्ष्मणपू२ी गोस्वामी का उपरणा, श्रीफल एवं स्मृति चिंह देक२ सम्मानित किया गया। साथ ही पंडित श्री राम शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक एकात्म मानववाद से एकात्म मानववाद की विकास यात्रा का विमोचन किया गया।
संयोजक डाॅ. अनिता राठौड ने किया जबकि आभार प्रबंध निदेशक मोहब्बत सिंह राठौड़ ने जताया
आयोजन सचिव डॉ. युवराज सिंह राठौड़ ने बताया कि इस अवसर पर पूर्व मंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी, संासद मन्नाराम रावत, प्रमोद सामर, रविन्द्र श्रीमाली, महेश शर्मा, कुलपति प्रो. कन्हैयालाल बेरवाल, बीएन संस्थान के प्रबंध निदेशक मोहब्बत सिंह राठौड़, मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह आगरिया, रजिस्ट्रार डॉ. एन.एन. सिंह , डॉ. रेणु राठौड़, अनुराग सक्सेना, पूर्व कुलपति प्रो. बीएल चैधरी, प्रो. लोकेश शेखावत, हेमेन्द्र श्रीमाली, भाजपा जिलाध्यक्ष गजपाल सिंह राठौड, पुष्कर तेली, प्रो. उमाशंकर शर्मा, कुलदीन सिंह ताल, नवल सिंह जुड, प्रभारी बंशीलाल खटीक, अतुल चण्डालिया, दीपक शर्मा, सन्नी पोखरना, राजेन्द्र सिंह, शक्ति सिंह कारोही, प्रो. प्रेम सिंह रावलोत, अक्षांश भारद्वाज, डॉ. अनिल कोठारी, नीरज कुमावत, डॉ. विजय प्रकाश विपलवी सहित शहर गणमान्य नागरिक व अनेक शिक्षाविद, विद्वान उपस्थित रहे।
राष्ट्रदेव का जीवंत स्वरूप एकात्म मानववाद की परिकल्पना – कटारिया
