अब सज्जनगढ़ बायोलॉजीकल पार्क में रहेगा कैद, तीन लोगों को कर चुका शिकार
उदयपुर। सवाई माधोपुर की रणथंभौर सेंचुरी के सबसे खूंखार बाघ टी-104 को उदयपुर लाया गया। उसे अब यहां सज्जनगढ़ बायोलॉजीकल पार्क में हमेशा के लिए कैद रखा जाएगा। मंगलवार सुबह इस बाघ को ट्रेंकुलाइज कर उदयपुर लाया गया, जिसे अब यहां बाड़े में रखा जाएगा।
वन अधिकारियों ने बताया कि बाघ टी-104 को शिफ्ट करने के लिए सुबह 6 बजे रणथंभौर से विभागीय टीम तालडा रेंज के भिड़ नाका स्थित एनक्लोजर पर पहुंची। सुबह 6.35 बजे उसे ट्रेंकुलाइज किया था। रणथंभौर और उदयपुर के वेटरनरी डॉक्टरों की टीम ने बाघ का मेडिकल चेकअप किया। पिंजरे में शिफ्ट कर उदयपुर भेजा गया। गर्मी को देखते हुए पिंजरे में बर्फ की सिल्लियां भी लगाई गई। 8 बजे सड़क मार्ग से बाघ को उदयपुर की सज्जनगढ़ सेंचुरी के लिए रवाना किया गया। देर शाम वह उदयपुर पहुंचा, जहां उसे आम पर्यटकों से दूर एनक्लोजर में शिफ्ट कर दिया गया। बताया गया कि फिलहाल उसके स्वास्थ्य पर निगाह रखी जाएगी। जब उसे यहां की स्थिति रास आ जाएगी तब उसे पर्यटक देख पाएंगे।
तीन लोगों पर हमला कर जान से मार चुका
बाघ टी- 104 ने 30 जुलाई 2019 को करौली के दुगेशी घाटा गांव में रामचंद माली, 12 सितंबर 2019 करौली के सिमिर बाग गांव में पिंटू सैनी और फरवरी 2019 में एक महिला पर हमला कर जान से मारा था।
बाघिन टी-41 लैला और बाघ टी-64 आकाश का है बेटा
ये बाघिन टी-41 लैला और बाघ टी-64 आकाश का बेटा है। बाघ टी-104 रणथंभौर का खूबसूरत बाघ है। बाघों में लड़ाई के चलते टी-104 साल 2019 में जोन दर जोन भटकता हुआ दो बार करौली के कैलादेवी वन क्षेत्र में भी पहुंच गया था, जहां दो लोगों को अपना शिकार बनाया था। उसे बाद उसे रणथंभौर के भिंड नाके के पास एनक्लोजर में शिफ्ट कर दिया गया था, जहां वह पिछले साढ़े तीन साल से बंद था।