किसान आयोग अध्यक्ष ने ली अधिकारियों की बैठक
उदयपुर, 15 जुलाई। राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष सी आर चौधरी ने मंगलवार को प्रतापनगर स्थित अतिरिक्त निदेशक कृषि विस्तार कार्यालय परिसर स्थित आत्मा परियोजना सभागार में कृषि एवं संबद्ध विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली।
श्री चौधरी मंगलवार सुबह करीब 10 बजे बैठक स्थल पर पहुंचे। अतिरिक्त निदेशक निरंजन राठौड़, संयुक्त निदेशक डॉ सुधीर वर्मा सहित अन्य अधिकारियों ने स्वागत किया। श्री राठौड़ ने उदयपुर संभाग में विभागीय गतिविधियों की संक्षिप्त जानकारी दी। संयुक्त निदेशक डॉ वर्मा ने पीपीटी के विभागीय उपलब्धियों व गतिविधियों से अवगत कराया। इसमें उन्होंने बताया कि जिले में अब तक लक्ष्य के मुकाबले 82 प्रतिशत खरीफ बुवाई पूर्ण कर ली गई है। उन्होंने परंपरागत कृषि विस्तार योजना, प्राकृतिक कृषि मिशन सहित सभी विभागीय योजनाओं की प्रगति से अवगत कराया। मृदा स्वास्थ्य जांच व कार्ड वितरण की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में अब तक 5285 कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। उन्होंने बजट घोषणाओं के तहत जिले में एग्री क्लिनिक और लेबोरेट्री फोर सर्टिफिकेशन ऑफ आर्गेनिक एग्रीकल्चर की स्थापना की प्रगति से अवगत कराया। उद्यानिकी विभाग के उपनिदेशक डॉ कैलाशंचद्र चंद्र शर्मा ने भी विभागीय प्रगति की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
आयोग अध्यक्ष श्री चौधरी ने पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ सुरेश जैन से जिले में पशुओं में फैलने वाली बीमारियों, उनके टीकाकरण, उन्नत नस्ल के पशुओं के लिए संचालित योजना आदि की प्रगति की जानकारी ली। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान डॉ अरविन्द वर्मा, निदेशक प्रसार शिक्षा रामेश्वरलाल सोनी ने भी विश्वविद्यालय तथा कृषि विज्ञान केंद्रों की उपलब्धियों और समस्याओं से अवगत कराया। बैठक में मत्स्य, जलग्रहण, जलसंसाधन, राजीविका, लीड बैंक आदि विभागों के अधिकारियों ने भी विभागीय गतिविधियों की जानकारी साझा की।
बैठक में कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ पीसी भटनागर, उपनिदेशक आत्मा श्रीमती राणावत, उपनिदेशक कृषि विपणन पंकज पारख, लीड बैंक मैनेजर संजय गुप्ता, सहायक निदेशक मत्स्य डॉ दीपिका पालीवाल सहित विभिन्न संबद्ध विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
हरियालो राजस्थान के तहत पौधरोपण
बैठक के बाद राज्य किसान आयोग अध्यक्ष श्री चौधरी ने कृषि भवन परिसर में हरियालो राजस्थान अभियान के तहत पौधारोपण किया। उन्होंने कहा कि पेड़ पौधे प्रकृति का श्रृंगार होने के साथ ही जीवन का आधार भी हैं। इसलिए अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाकर उनको सहेजने की आवश्यकता है।