लग्न के बाद ढोल की थाप पर खूब नाचे जोडे और उनके परिजन
-बोहरा गणेशजी की साक्षी में हुई लग्न की रस्म
उदयपुर। तीन दिनों बाद सात फेरो के बंधन में बंधने वाले वैवाहिक जोडो और उनके परिवारजनों ने आज खूब उत्साह था। ढोल नगाडो की थाप पर इन वैवाहिक जोडो के परिजन नाचते हुए अपनी उन खुशियों को बयां कर रहे थे, जो उन्होंने अपने बच्चों के लिए संजो रखी थी। इन खुशियों में प्रथम पूज्य बोहरा गणेशजी भी साक्षी बने।
मौका था श्री एकलिंगननाथ राष्ट्रीय सेवा संगठन द्वारा 17 मई को आयोजित होने वाले प्रथम दहेज मुक्त सामूहिक विवाह का जिसके पहली रस्म के रुप में बुधवार को बोहरा गणेशजी मंदिर में लग्न की रस्म पूरी हुई। इस मौके पर विवाह बंधन में बंधने वाले जोडे और उनके परिजन भी उपस्थित थे। सुबह 10 बजे लग्न की रस्म शुरु हुई जिसमें पंडित पवन पंचारिया ने मंत्रोच्चार के साथ प्रथम पूज्य भगवान बोहरा गणेशजी की साक्षी में सभी जोडो का अलग-अलग लग्न लिखा। बाद में संगठन की ओर से संस्थापक अध्यक्ष आकाश बागडी, संरक्षक पंडित निर्मल पंडित व प्रदेश अध्यक्ष दीपक मेनारिया ने एक-एक कर सभी वधु पक्ष को नारियल व मिष्ठान के साथ लग्न पत्रिका सौंपी। वधु पक्ष ने लग्न पत्रिका वर पक्ष को सौंपकर बारात लेकर आने का निमंत्रण दिया। संगठन की ओर से निर्मल पंडित और आकाश बागडी ने दोनों पक्षों को 17 मई को रिश्ते-नातेदारों सहित विवाह में पधारने का निमंत्रण दिया। इस मौके पर वर व वधु पक्ष के परिजन भी बडी संख्या में उपस्थित रहे।
लग्न की रस्म पूरी होने के बाद एक जोडे वंदना-निर्मल ने कहा कि उन्हें आज जो खुशी महसूस हो रही है उसे बयां करना मुश्किल है, क्योंकि जब हम घर से निकले तब ये ही सोच थी कि कैसी तैयारियां होगी, लेकिन यहां आने के बाद लगा कि हम अकेले विवाह करते तो भी ऐसी तैयारी नहीं कर सकते थे। महंगाई के इस जमाने में ढोल से लेकर बैंड तक करना मुश्किल हो जाता है और ऐसे में बिना पैसे लिए एकलिंग नाथ संगठन अच्छी व्यवस्था कर रहा है। सभी जोडो ने इस मौके पर आकाश बागडी का उपरना ओढा कर सम्मान किया।
श्री एकलिंगननाथ राष्ट्रीय सेवा संगठन के संस्थापक अध्यक्ष आकाश बागडी ने बताया कि सर्व समाज सामूहिक विवाह की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। बुधवार को लग्न लिखाई की रस्म बोहरा गणेशजी मंदिर में सानंद संपन्न हुई जिसमें वर वधु पक्ष को आमंत्रित किया गया था। सर्व समाज का दहेज मुक्त व पूर्ण रुप से आडंबर रहित सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया जाएगा। इसके लिए 11 जोडो का पंजीयन हो चुका है। राजस्थान का यह पहला ऐसा सामूहिक विवाह समारोह है जिसमें सर्व समाज के जोडे भाग ले सकते हैं और दुल्हा दुल्हन पक्ष को किसी प्रकार का शुल्क भी नहीं देना होगा। केवल एक ही शर्त रहेगी कि यह विवाह समारोह पूरी तरह दहेज मुक्त और आडंबर रहित होगा। विवाह की सारी व्यवस्थाएं संगठन की ओर से की जा रही है। उन्होंने बताया कि विवाह के लिए अब भी जोडे अपना पंजीयन करवा सकते हैं। उनके लिए तत्काल सारी व्यवस्था संगठन की ओर से की जाएगी।
बागडी ने बताया कि सामूहिक विवाह समारोह 17 मई को सभी वैवाहिक कार्यक्रमों के बाद रात को मां अंबे के नाम एक भजन संध्या भी होगी। अपराह्न करीब 3 बजे दुल्हा-दुल्हन की शोभायात्रा बोहरा गणेशजी मंदिर से प्रारंभ होगी जो महासतिया चौराहे पर सत्यम गार्डन पहुंचेगी। शोभायात्रा में हाथी, घोडी, बग्गिया और बैंडबाजे होंगे। बागडी ने बताया कि दोनों परिवारों की ओर से 50-50 लोग आमंत्रित होंगे।
संगठन के संरक्षक निर्मल कुमार पंडित व विनोद पांडे ने बताया कि लडका-लडकी दोनों बालिग होने चाहिए और दोनों में वैवाहिक संबंध की आपसी सहमति होनी चाहिए। दुल्हा व दुल्हन से 30 साल का एग्रीमेंट होगा कि वे इस अवधि में आपसी विवाद होने पर कोर्ट या थाना जाने की बजाए पहले संगठन से चर्चा करेंगे। संगठन की ओर से दोनों की दो बार काउंसलिंग होगी और उसके बाद भी बात नहीं बनती है तो दूल्हा पक्ष एक लाख रुपए दुल्हन पक्ष को देकर अपनी आगे की कार्रवाई कर सकते हैं।
धूमधाम से लग्न की रस्म के साथ ही शुरु हुई एकलिंगननाथ सेवा संगठन के सर्व समाज सामूहिक विवाह की तैयारियां
