मुख्यमंत्री से लघु उद्योग भारती प्रतिनिधिमंडल की भेंट, औद्योगिक विकास से जुड़े विषयों पर हुई सकारात्मक चर्चा

जयपुर, 12 जून। राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने और लघु उद्यमियों की व्यावहारिक समस्याओं के समाधान हेतु लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधिमंडल ने आज जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर राजस्थान के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों और प्रस्तावों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अखिल भारतीय संगठन मंत्री प्रकाशचंद, राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा और प्रदेश अध्यक्ष शांतिलाल बालड़ ने किया। उनके साथ अखिल भारतीय सचिव नरेश पारीक, जोधपुर प्रांत अध्यक्ष महावीर चौपड़ा, जयपुर प्रांत अध्यक्ष महेंद्र मिश्रा, कोषाध्यक्ष अरुण जाजोदिया, पूर्व अध्यक्ष (जयपुर प्रांत) सुधीर गर्ग और संयुक्त महासचिव (जोधपुर प्रांत) सुरेश कुमार विश्नोई भी उपस्थित रहे।

प्रदेश मीडिया प्रमुख तरुण दवे ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के समक्ष राजस्थान के 37 पुराने औद्योगिक क्षेत्रों को रीको में हस्तांतरित करने हेतु विधानसभा में लंबित विधेयक को शीघ्र पारित करने का अनुरोध किया। पाली, बालोतरा, जसोल, बिठूजा एवं पचपदरा रिफाइनरी से निकलने वाले तेजाबी और लवणीय जल को कच्छ की खाड़ी तक पहुंचाने हेतु एक वृहद ड्रेनेज योजना बनाने का सुझाव भी दिया गया।

इसके साथ ही जयपुर, बीकानेर, पाली, भिवाड़ी, जालोर और भीलवाड़ा में लघु उद्योग भारती को भूखंड आवंटन, ब्यावर और भीलवाड़ा में टाइल हब की स्थापना तथा पचपदरा में रीको पेट्रोजोन हब के विकास की आवश्यकता पर बल दिया गया। पर्यावरण स्वीकृति से जुड़ी लंबित फाइलों के शीघ्र निस्तारण, विशेष रूप से SIEEA प्रणाली के माध्यम से प्रक्रिया को सरल और समयबद्ध बनाने का आग्रह किया गया।

प्रतिनिधिमंडल ने माइनिंग क्षेत्र में ड्रोन सर्वे की समीक्षा, आखलियों को नियमित करने, और पेट्रोजोन में छोटे उद्यमियों को वाजिब दरों पर शेड उपलब्ध कराने की मांग भी रखी। इसके अतिरिक्त रिसॉर्ट और होटलों को पूर्ण उद्योग का दर्जा देने, भवन निर्माण पर ब्याज व अनुदान देने, रीको द्वारा आवंटित भूखंडों में उद्योग की प्रकृति बदलने की अनुमति देने, कृषि मंडी टैक्स एवं कृषक कल्याण सेस समाप्त करने, तथा ‘राइजिंग राजस्थान’ के अंतर्गत एमओयू आधारित उद्योगों को व्यावहारिक शिथिलताएं देने संबंधी विषयों पर भी चर्चा हुई।

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत लंबित प्रकरणों की अनुदान राशि शीघ्र जारी करने का भी अनुरोध किया और सोलर कैप्टिव पावर की सीमा 100 प्रतिशत से बढ़ाकर 200 प्रतिशत करने के निर्णय पर आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सभी विषयों को गम्भीरता से सुना और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिह्न भेंट कर आभार व्यक्त किया।

By Udaipurviews

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