पर्वाधिराज पर्युषण सर्व दुख नाशक सर्वस सुख प्रदायक है : साध्वी जयदर्शिता

– पर्युषण महापर्व के छठे दिन आयड़ तीर्थ में उमड़े सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं
– आठ दिन तक धूमधाम से आयोजित हो रही है विविध धार्मिक क्रियाएं

उदयपुर, 25 अगस्त। तपागच्छ की उद्गम स्थली आयड़ जैन मंदिर में श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्वावधान में कलापूर्ण सूरी समुदाय की साध्वी जयदर्शिता श्रीजी, जिनरसा श्रीजी, जिनदर्शिता श्रीजी व जिनमुद्रा श्रीजी महाराज आदि ठाणा की चातुर्मास सम्पादित हो रहा है। महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि सोमवार को आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में आठ दिवसीय पर्युषण महापर्व के छठे दिन सुबह 7 बजे साध्वियों के सानिध्य में ज्ञान भक्ति एवं ज्ञान पूजा, अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई।
महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि सोमवार को आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सुबह 7 बजे संतों के सान्निध्य में पर्युषण महापर्व तहत आरती, मंगल दीपक, सुबह सर्व औषधी से महाअभिषेक एवं अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई। नाहर ने बताया कि साध्वियां के सान्निध्य में आठ दिन तक सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं प्रतिदिन सुबह व्याख्यान, सामूहिक ऐकासणा व शाम को प्रतिक्रमण तथा भक्ति भाव कार्यक्रम आयोजित हो रहे है।
सोमवार को आयोजित धर्मसभा में साध्वी जयदर्शिता श्रीजी ने पर्यूषण महापर्व की विशेष विवेचना करते हुए बताया कि  पर्वाधिराज महापव्र पर्युषण की आराधना-साधना, उपासक का उपक्रम बहुत ही उल्लासमय वातावरण के साथ चल रहा है।  मुझे प्रसन्नता है कि सर्वत्र जिनभक्ति-पूजन, जप, तप की लहर है। आज के कल्पसूत्र के प्रवचन में बताया कि तेईसवें तीर्थकर प्रभु पार्श्वनाथ की लोकोत्तर महिमा तो विश्व विदित है। थोड़ा सा दु:ख आता है और हम विचलित हो जाते है इनका कारण है कि हमारे में सहिष्णुता की कमी है। सहिष्णुता बढ़ाना चाहिए तो दुख भारी नहीं होगा। उन्होने बताया कि जैन साधु वाहन विहारी नहीं होता, इलेक्ट्रिक से चलते वाहन में भी नहीं बैठते है। विहार सुरक्षा के लिए सावधानी बरतनी होगी। पैदल विहार में सुरक्षा ज्यादा है। प्रभु महावीर स्वामी के शासन में उनकी आज्ञा ही अहम होती है। उनका हरेक जैन को वहन करना चाहिए।
इस अवसर पर कुलदीप नाहर, भोपाल सिंह नाहर, अशोक जैन, अंकुर मुर्डिया, पिन्टू चौधरी, हर्ष खाब्या, गजेन्द्र खाब्या, नरेन्द्र सिरोया, संजय खाब्या, राजू पंजाबी, रमेश मारू, सुनील पारख, पारस पोखरना, राजेन्द्र जवेरिया, प्रकाश नागौरी, दिनेश बापना, अभय नलवाया, कैलाश मुर्डिया, चतर सिंह पामेच, गोवर्धन सिंह बोल्या, सतीश कच्छारा, दिनेश भंडारी, रविन्द्र बापना, चिमनलाल गांधी, प्रद्योत महात्मा, रमेश सिरोया,  कुलदीप मेहता आदि मौजूद रहे।

By Udaipurviews

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